अन्य राज्यों से पैदल चलकर प्रदेश की सीमा में आने वाले श्रमिकों को मिलेंगी सभी व्यवस्थाएँ



भोजन, पेयजल, चिकित्सा के साथ बसों से आगे भेजा जायेगा
जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। राज्य शासन द्वारा विभिन्न प्रदेशों से पैदल चलकर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आ रहे उन सभी श्रमिकों के लिये अस्थाई ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था की है। मध्यप्रदेश में ऐसे मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके जिलों तक पहुँचाने तथा अन्य राज्यो के मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा तक छुड़वाने के लिये 375 अतिरिक्त बसो की व्यवस्था की गई है। साथ ही इस प्रभावी कार्य-योजना को अमले में लाने के लिये सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पाइंट बनाये गये है, जहाँ से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को सकुशल उनके गृह नगर/ग्राम पहुँचाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य राज्यों से पैदल चलकर आने वाले श्रमिकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे।
प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आ रहे श्रमिकों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत राज्य शासन ने प्रभावी कार्य-योजना तैयार कर जिला कलेक्टर्स को सभी आवश्यक बंदोबस्त करने के निर्देश दिये है। जिलों में अभी तक जो व्यवस्थाएँ की गयी थी। उसके अतिरिक्त आज से नयी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर श्रमिकों को सभी सहूलियतें दी जा रही है। कार्य-योजना पर आज 12 मई से संबंधित जिलों में कार्य प्रारंभ हो गया है। कार्य-योजना में रिक्वीजीशन की जाने वाली बसों के लिये 70 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था भी की गई है, जिससे श्रमिकों को परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।
तैयार की गई कार्य-योजना में संबंधित जिला कलेक्टर्स को बताया गया कि मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा (बीजासन)-देवास, देवास-गुना, गुना-शिवपुरी होते हुए झांसी उत्तरप्रदेश सीमा तक और गुना-शिवपुरी-ग्वालियर-भिंड होते हुए उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को छोड़ने के लिये देवास एवं गुना में ट्रांजिट पांइट बनाया जा सकता है। देवास से छतरपुर मार्ग पर दौलतपुर (सीहोर) ट्रांजिट पाइंट बनाया जा सकता है। दौलतपुर (सीहोर) से ही मालथौन एवं दौलतपुर-सागर-छतरपुर होते हुए महोबा-उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को ले जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर आराम करने के लिये छाया, भोजन, चाय-पानी तथा फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाईयाँ भी रखी जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर कुछ वाहन भी रखे जायें, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुँचाने की व्यवस्था हो सके।


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