चीनी कर्ज के दलदल में डूबेगा पाक, रेलवे प्रोजेक्ट के लिए 7.2 अरब डॉलर किए मंजूर


इस्लामाबाद।


पाकिस्‍तान एकबार फ‍िर चीन से भारी भरकम कर्ज लेने वाला है। इस बार वित्तीय सहायता के लिए चीन से अंतिम समझौता होते ही पाकिस्तान ने सीपेक के तहत पेशावर और कराची के बीच रेलवे लाइन के संवर्धन के लिए 7.2 अरब डॉलर को मंजूरी दी है। सीपेक प्रशासन के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आसिम सलीम बाजवा ने बताया कि चीन के सीपेक प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के तहत पेशावर से कराची तक के 1,872 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा।


अमेरिका कर चुका है आगाह


सनद रहे कि पाकिस्‍तान ने यह कदम अमेरिकी चेतावनी को नजरंदाज करके उठाया है। बीते दि‍नों अमेरिका ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। अमेरिका ने कहा था कि चीन का सीपीईसी में निवेश करने का मकसद पाकिस्तान की मदद करना नहीं वरन खुद फायदा कमाना है। दक्षिण एशियाई मामलों की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि चीन लंबे समय तक सीपीईसी में निवेश करता रहा तो इससे पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी। 


नए कर्ज की उम्‍मीद में पाकिस्‍तान


पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिूब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल डेवलेपमेंट वर्किग पार्टी (Central Development Working Party, CDWP) ने शनिवार को पाकिस्तान रेलवे मेनलाइन-1 (Pakistan Railways' Mainline-I, ML-1 Project) प्रोजेक्ट को मंजूदी दी है। इस मंजूरी ने चीन से कर्ज लेने को लेकर बातचीत का दरवाजा खोल दिया है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) के साथ भी कर्ज के मसले पर बातचीत का आधार बनाने का काम किया है। 


राहत की उम्‍मीद में पाक


दरअसल, पाकिस्तान को इसके संबंध में आइएमएफ से भी राहत की दरकार होगी। चूंकि उसके पास 1.2 खरब पाकिस्तानी रुपये (7.2 अरब डॉलर) स्वायत्त गारंटी देने की गुंजाइश नहीं है। अब जब प्रोजेक्ट को लेकर सीडीडब्लूपी ने मंजूरी दे दी है। पाकिस्‍तान के लिए कर्ज लेने के रास्‍ते भी नजर आने लगे हैं। हालांकि सीडीडब्लूपी की मंजूरी के बाद कैबिनेट की मंजूरी भी होनी है। यह भी दावा किया जा रहा है कि परियोजना के पूरी होते ही यात्री ट्रेनों की गति 65 या 110 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। इसी तरह मालगाडि़यों की गति भी 80 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 120 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी।


IMF कर चुका है आगाह


आईएमएफ ने अभी एक दिन पहले ही पाकिस्तान को सार्वजनिक कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर चेताया है। आईएमएफ ने पाकिस्‍तान को बजट में प्राथमिक घाटा कम रखते हुए राजकोषीय स्थिति को बेहतर बनाने का सुझाव दिया था। आईएमएफ जोर दे रहा है कि पाकिस्‍तान को राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के रास्ते पर चलना चाहिए। सनद रहे कि पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज पहले ही उसकी अर्थव्यवस्था के आकार के 90 फीसद पर पहुंच चुका है। सार्वजनिक कर्ज में बढ़ोतरी और जी-20 देशों से कर्ज मांगने के पाकिस्तान के फैसले पर आईएमएफ ने सरकारी कर्मचारियों का वेतन तक रोकने की बात कही है। 


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