बिहार में तीसरे मोर्चे की तैयारी ?


पटना। जेडीयू से निकाले गए नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के लिए बड़ी योजना का ऐलान कर दिया है। राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत ने हालांकि किसी राजनीतिक दल बनाने का तो ऐलान नहीं किया लेकिन उन्होंने राज्य के लाखों युवकों को जोड़ने के लिए 'बात बिहार की' कार्यक्रम की घोषणा की। अपनी योजना की घोषणा करते हुए किशोर ने आज कहा कि वह बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होते हुए देखना चाहते हैं और इसके लिए वह मिशन पर निकलेंगे और युवाओं की फौज तैयार करेंगे। प्रशांत की इस तैयारी को राज्य में तीसरे मोर्चे के संकेत में रूप में भी देखा जा रहा है।


प्रशांत ने सीधे तौर पर बिहार की राजनीति में एंट्री का ऐलान तो नहीं किया लेकिन ये संकेत तो जरूर दे दिया कि वह भविष्य में ऐसा जरूर कर सकते हैं। बिहार में इस साल नवंबर में चुनाव होने हैं। उससे पहले प्रशांत की 'बात बिहार की' कार्यक्रम के जरिए युवाओं को जोड़ने की मंशा को तीसरे मोर्चे की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रशांत ने कहा कि वह बिहार के युवाओं को राजनीति सिखाएंगे और उन्हें आगे करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। लेकिन पंचायत स्तर से युवाओं को चुनकर उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।' उन्होंने दावा किया बिहार में उनके पास सवा लाख सक्रिय सदस्य हैं।'


योजना का किया ऐलान
राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व जेडीयू नेता और इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी ( I-PAC) के चीफ किशोर ने कहा कि वह यहां किसी राजनीतिक दल बनाने की घोषणा करने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा, 'मैं मीडियम टू लॉन्ग टर्म के नजरिए से बिहार में युवाओं की एक फौज खड़ी करना चाहता हूं।'


किशोर ने कहा कि वह युवाओं के अपने से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ' 20 फरवरी से बात बिहार की नाम से एक कार्यक्रम शुरू करने जा रहा हूं। राज्य के 8,800 पंचायतों में से लड़कों की एक टीम बनाने जा रहा हूं। अभी तक हमारे साथ 2 लाख 93 हजार लड़के जुड़ चुके हैं। हमसे जुड़े लोगों में बीजेपी के भी लोग शामिल हैं। 20 मार्च तक हम राज्य के 10 लाख लड़कों को शामिल करने की योजना है।' उन्होंने कहा कि बिहार के गांव-गांव से लड़कों को जोड़कर आगे बढ़ाने की रणनीति है। हमारी योजना है कि राज्य में 10 हजार अच्छे मुखिया जीतकर आएं।


नीतीश पर कसा बड़ा तंज
उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के लोगों ने ही दूसरे राज्यों के लोगों को ट्विटर और फेसबुक चलाना सिखाया है। ऐसे में यह कहना है कि हम इंटलैक्चुअल नहीं है, सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वह जबतक जीवित रहेंगे तबतक बिहार के लिए समर्पित रहेंगे।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बिना नाम लिए हमला किया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि गुजरात के आदमी को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि बिहार का चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। प्रशांत ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के दर्जे के लिए नीतीश कुमार की हाथ जोड़कर मांग वाली बात का भी जिक्र किया। उन्होंने इसी मसले को लेकर पीएम मोदी को भी घेरा।


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