दिव्यांगों को आत्म-निर्भर बनाने समाज की सहभागिता जरूरी: घनघोरिया

मानसिक रूप से अविकसित बालगृह के छात्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए सामाजिक न्याय मंत्री
जबलपुर।सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने दिव्यांगजनों को आत्म-निर्भर बनाने के प्रयासों में समाज की भी सहभागिता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि इस दिशा में जो भी शासकीय अथवा अशासकीय संस्थायें पहल करेंगी शासन की ओर से उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जायेगी।
     श्री घनघोरिया मॉडल स्कूल के प्रेक्षागृह में मानसिक रूप से अविकसित बालगृह के बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी के उदघाटन उद्टन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदर्शनी में रखी कलाकृतियों का अवलोकन कर मानसिक रूप से अविकसित बच्चों के हुनर की मुक्त कंठ से तारीफ की ।
     सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि मानसिक रूप से अविकसित बालगृह के बच्चों ने एक से बढ़कर एक कलाकृति बनाकर यह दिखा दिया है कि प्रकृति प्रदत्त कमियों के बावजूद उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बल्कि जरूरत उन्हें अच्छे अवसर उपलब्ध कराने की है। श्री घनघोरिया ने मानसिक दिव्यांग बच्चों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाने के लिए सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर दिव्यांगों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर केन्द्रित लघु पुस्तिका “मध्यप्रदेश शासन- एक कदम उजाले की ओर” का विमोचन भी किया।
     प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में मानसिक रूप से अविकसित बालगृह के बच्चों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर मंत्री श्री घनघोरिया ने दिव्यांग कल्याण के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने के लिए मॉडल स्कूल की प्राचार्य श्रीमती वीणा वाजपेयी, डॉ. गिरीश मैराल, श्रीमती ऊषा सिंह, मो. अकरम अंसारी, श्रीमती वनमाला राय मालवीय, श्रीमती अरूणिमा चतुर्वेदी, श्रीमती अनामिका सिंह, मिनेश मालवीय, नवीन नामदेव एवं श्रीमती पूर्णिमा घुराटिया का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान भी किया।
     समारोह में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्रा, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय आशीष दीक्षित एवं नोडल अधिकारी नि:शक्तजन डॉ. रामनरेश पटेल, मॉडल स्कूल की प्राचार्य श्रीमती वीणा वाजपेयी भी मंचासीन थे।


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