नई दिल्ली। कुल 1.47 लाख करोड़ रुपए के समायोजित सकल राजस्व (ए.जी.आर.) बकाया मामले में भारती एयरटैल, वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा टैलीसॢवसेज और अन्य दूरसंचार कम्पनियों को भुगतान करने के अपने आदेश का पालन न होने पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सख्त नाराजगी जताई।
अपने आदेश के खिलाफ इन कम्पनियों को राहत देने की दूरसंचार विभाग की अधिसूचना पर उच्चतम न्यायालय ने बुरी तरह झुंझलाते हुए प्रश्न किया कि क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है जो उसके आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता हो रही है? न्यायालय ने कहा, ऐसा है तो सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दो। न्यायालय के न्यायाधीशों ने कहा कि इससे उनकी अंतर्रात्मा हिल गई है। न्यायालय तो इतना तक कह गया कि इस देश में रहने के बजाय इसे छोड़ दिया जाए।
शीर्ष अदालत की तल्ख टिप्पणी
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर व न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूछा कि दूरसंचार विभाग ने यह अधिसूचना कैसे जारी की कि अभी भुगतान न करने पर दूरसंचार कम्पनियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है। बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए।’’
एयरटेल की 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ देने की पेशकश
भारती एयरटेल ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपए का बकाया 20 फरवरी तक देने और उच्चतम न्यायालय में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले की अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाया चुकाने की पेशकश की। रिलायंस जियो ने 195 करोड़ रुपए चुकाए। अब बाकी कंपनियों पर 1,46,805 करोड़ रुपए बकाया हैं।
दूरसंचार कम्पनियों के एम.डीज को अवमानना नोटिस, 17 मार्च को तलब
न्यायालय ने इन दूरसंचार कम्पनियों के प्रबंध निदेशकों (एम.डी.) को नोटिस जारी करते हुए 17 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया है। न्यायालय में पेश होकर उन्हें यह बताने को कहा कि उनकी कम्पनियों ने अब तक रुपए क्यों नहीं जमा करवाए हैं। आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर नोटिस में पूछा गया है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए।
शुक्रवार रात 11.59 बजे तक बकाया जमा कराने को कहा
उच्चतम न्यायालय की कड़ी फटकार के बाद दूरसंचार विभाग बौखला गया। विभाग ने देनदार दूरसंचार कम्पनियों को शुक्रवार रात 11.59 बजे तक बकाए का भुगतान करने का आदेश दिया। विभाग ने कम्पनियों को सर्कलके आधार पर बकाए संबंधी नोटिस भेजे। उच्चतम न्यायालय के रुख के बाद केंद्र सरकार भी सकते में आ गई है। सूत्रों के अनुसार उसी के आदेश के बाद विभाग ने आनन-फानन आदेश जारी किया।
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