नई दिल्ली। पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा करने के लिए और ग्रे सूची से बाहर निकाले जाने के लिए चार महीने की राहत मिलने की संभावना है। पेरिस (Paris) में 16 से 21 फरवरी तक चलने वाली समूह बैठकों और महाधिवेशन के समापन के बाद शुक्रवार को एफएटीएफ इस संबंध में फैसला लेगा। इन बैठकों में पाकिस्तानी शिष्टमंडल की अगुवाई राजस्व मंत्री हम्मद अजहर ने की।
ब्लैक लिस्ट होने पर PAK के सामने होगा भारी आर्थिक संकट
एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को 'ग्रे' सूची में रखने का अक्टूबर में फैसला किया था। अगर अप्रैल तक पाकिस्तान को इसी सूची से नहीं निकाला जाता तो वह ईरान जैसी काली सूची वाले देशों में शामिल हो जाएगा जिन पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।
'डॉन' समाचार-पत्र की खबर के अनुसार, आतंकवाद (Terrorist) के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था पाकिस्तान को जून 2020 तक समय दे सकती है ताकि वह उसके 27 बिंदु वाली कार्य योजना का पूरी तरह अनुपालन कर सके और ग्रे सूची से बाहर आ सके। पेरिस से सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान 27 लक्ष्यों में से आधे से ज्यादा का पूरी तरह या काफी हद तक अनुपालन करते हुए पाया गया है।
खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया, 'हम अब तक की प्रगति से संतुष्ट हैं। हमें काली सूची में डालने का सवाल ही नहीं उठता है।' पाकिस्तान एफएटीएफ की शर्तों को इस साल जून तक पूरा करने के लिए कम से कम अपने आधा दर्जन कानूनों में बड़े संशोधन की तैयारी कर रहा है। खबर में कहा गया कि इस आधार पर देश के प्रदर्शन पर अक्टूबर 2020 में होने वाले एफएटीएफ के महाधिवेशन में फैसला लिया जाएगा।
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