सांसद-विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों को 10 मार्च तक करें पूर्ण

                                             


जबलपुर । कलेक्टर भरत यादव ने सांसद-धायक निधि एवं जनभागीदारी योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष और पूर्व में स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों को 10 मार्च तक पूरा कर लेने के निर्देश निर्माण एजेंसियों को दिये हैं । श्री यादव आज यहाँ कलेक्ट्रेट में सांसद एवं विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे । बैठक में अपर कलेक्टर संदीप जीआर भी मौजूद थे ।             कलेक्टर ने सांसद एवं विधायक निधि से निर्माण कार्यों के लिये आबंटित राशि का पूर्ण सदुपयोग करने की हिदायत देते हुए कहा कि राशि लेप्स होने की स्थिति में सम्बन्धित निर्माण एजेंसी के अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी ।


 श्री यादव ने निर्माण कार्यों की निरन्तर मॉनिटरिंग करने और गुणवत्ता के साथ तेजी से उन्हें पूरा करने के निर्देश भी दिये । श्री यादव ने कहा कि जो निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं उनका पूर्णता प्रमाण पत्र तत्काल कलेक्टर कार्यालय की योजना शाखा को भेजा जाये ।


            कलेक्टर ने बैठक में सांसद-धायक निधि से स्वीकृत पेयजल योजनाओं एवं नलकूप खनन के  कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की हिदायत दी, ताकि गर्मियों में लोंगों को परेशानी न उठाना पड़े । उन्होंने बैठक से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर बरेला और मझौली के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।


           बैठक में कलेक्टर ने सांसद-विधायक निधि और अन्य मदों स्वीकृत सीमेंट कांक्रीट सड़कों का निर्माण भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए करने का सुझाव अधिकारियों को दिया । उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण में अंडर ग्राउंड पाइप लाइन, क्रॉस ड्रेनेज, विद्युत लाइन आदि के लिये भी प्रावधान किया जाना चाहिए । श्री यादव ने इसके लिए सभी निर्माण विभागों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत बताई ।


       कलेक्टर ने जन्म-मृत्यु पंजीयन और विवाह पंजीयन पर भी बैठक में चर्चा की । उन्होंने ऑनलाइन पंजीयन के साथ-साथ जन्म- मृत्यु का ऑफलाईन रेकॉर्ड रखने के निर्देश भी दिए । श्री यादव ने रिकार्ड कीपिंग को दुरुस्त रखने के साथ ही जन्म-त्यु के ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीयन के बीच के अंतर को दूर करने की हिदायत भी दी । उन्होंने विवाह पंजीयन की खराब स्थिति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए मैरिज गार्डन, होटल और सामुदायिक भवनों में होने वाले विवाहों का पंजीयन कैसे किया जा सकता है इस बारे में स्थानीय निकायों के अधिकारियों के लिये  प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश  भी दिए ।


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