कमलनाथ के इस्तीफे पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई, भाजपा खेमा सक्रिय


नई दिल्ली। मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस में जहां मायूसी छाई है, वहीं भाजपा में हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने अब सरकार बनाने के लिए सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। वहीं, कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायकों को अपने साथ रखने के लिए कवायद तेज कर दी है। 



बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार 20 मार्च को कमलनाथ सरकार का शक्ति परीक्षण कराने के निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने पहले ही हथियार डालते हुए इस्तीफे का ऐलान कर दिया। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा विधायकों को व्हिप जारी करते हुए शुक्रवार को कमलनाथ सरकार के खिलाफ मत देने के लिए कहा था। 


दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने कांग्रेस से बागी होकर अपने त्यागपत्र दे दिए थे। इसके बाद प्रदेश में कमलनाथ सरकार संकट में आ गई थी। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति को निर्देश दिया कि वह शक्ति परीक्षण कराने के लिए शुक्रवार शाम को पांच बजे तक विशेष सत्र बुलाएं।


मप्र बागी विधायक इस्तीफे मंजूर
मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 20 मार्च को बुलाये जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों बाद मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के बाकी बचे हुए सभी 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इससे पहले प्रजापति कांग्रेस के छह बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर चुके हैं। इस प्रकार अब सभी 22 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो गए हैं। इनमें से अधिकांश कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। प्रजापति ने बताया कि उन्होंने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। 


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