नई दिल्ली। विश्व स्तर पर कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर ने अब तक 4,630 लोगों की जान ले ली है वहीं 125,968 संक्रमित मामले सामने आए हैं और भारत में अब तक 73 संक्रमित मामले सामने आ चुका है। भारत ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए और इसे रोकने के उद्देश्य से 15 अप्रैल तक सभी पर्यटन वीजा निलंबित कर दिए हैं। 113 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय भी अलर्ट मोड में है।
किस स्थिति में घोषित होती है महामारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी की घोषणा के बाद कईयों के मन में ये सवाल उठते है कि महामारी (पैनडेमिक) किन परिस्थियों में घोषित की जाती है। मेडिकल साइंस की भाषा में महामारी ऐसे हालात को कहा जाता है जिसके कारण दुनियाभर में एक ही समय पर बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो जाते हैं। आसान शब्दों में कहें तो किसी वायरस से फैलने वाली बीमारी अधिक स्तर पर फैलती है और दुनियाभर के लोगों को नुकासन पहुंचाती है तो इश स्थिति में विश्व स्वास्थ्य संगठन उस बीमारी को महामारी घोषित कर सकता है। इसमें एक और बात है कि जब कोई बिमारी लोगों में आसानी से फेसती है तो उस बीमारी को महामारी घोषित किया जा सकता है।
महामारी की घोषणा कब होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार महामारी की घोषणा कब करनी है इसकी कोई समय सीमा नहीं है। इसमें देखा जाता है कि एक निश्चित समय में मृत्यु या संक्रमण तेजी से बढ़ता है, ऐसी स्थिति में महामारी की घोषणा होने की संभावना बढ़ जाती है।
लक्षण दिखने में लगते है पांच दिन
कोरोना वायरस पर हुई कई अध्ययन के बाद जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के डिजीज एनलिस्ट ने बताया कि इनके लक्षण दिखने में कम से कम पांच दिन का समय लग सकता है। यूनिवर्सिटी के एक महामारी विशेषज्ञ जस्टिन लेसर ने बताया कि हमें पूरा विश्वास है कि बीमारी के लक्षण दिखने का दौर करीब 5 दिनों का है। दरअसल जस्टिन उस टिम का नेतृत्व कर रहे है जिसने बीमारी के 181 मामलों में इसके बढ़ने का अध्ययन किया है।
देश की जिम्मेदारी
अगर किसी देश या किसी क्षेत्र में एक बार महामारी घोषित हो जाती है तो उस देश के सरकार और स्वास्थ्य प्रणालियों को ये सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे इसके लिए पूरी तरह तैयार रहें।
बता दें कि विश्व स्तर पर अभी तक कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई वैक्सीन या ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है यही कारण है कि इस वायरस का प्रकोप हर दिन बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में इससे बचाव के लिए हाइजिन का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें, अच्छे से हाथ धोने के लिए साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
इन बातों का रखे खास ध्यान
खांसते समय टिश्यू मुंह पर रखें और फिर उसे कवर्ड डस्टबिन में फेंक दें। अगर अपके आस-पास में भी कोई खांसता या छिकता है तो अपनी सुरक्षा के लिए टिश्यू का इस्तेमाल करें। बाहर जाने से पहले अपने मुंह को अच्छी तरह से कवर करें इसे लिए N95 मास्क सुरक्षित माना गया है।
बता दें कि साल 2009 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वाइन फ्यू को महामारी घोषित किया था। इस फ्लू के कारण कई लोगों की जान गई थी। साल 2003 में पहचाने गए सार्स कोरोनावायरस, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 26 देशों को प्रभावित करने के बावजूद महामारी घोषित नहीं किया गया था। उस समय इस वायरस ने चीन, हांगकांग, ताइवान, सिंगापुर और कनाडा जैसे देशो को अपनी चपेट में लिया था। इश वायरस से कुल 774 लोगों की मौत हुई थी वहीं 8,098 लोग इससे संक्रमित हो गए थे।
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