मुंबई। दुनियाभर में लीग क्रिकेट का चेहरा बदलकर रख देने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के बाजार मूल्यांकन में कोरोना वायरस महामारी से एक अरब डॉलर (करीब 75 अरब रुपये) की गिरावट आ सकती है। वैश्विक परामर्श कंपनी डफ एंड फेल्प्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही कि आइपीएल के 12वें सत्र के दौरान 2019 में उसका बाजार मूल्यांकन 6.8 अरब डॉलर (पांच खरब रुपये) था। यदि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) खाली स्टेडियम में इसके मैच कराता है तो इसमें 200 से 350 करोड़ डॉलर (15 से 26 अरब रुपये) की गिरावट आएगी। वहीं, पूरा सत्र रद होने पर आइपीएल का मूल्यांकन 700 करोड़ से 1000 करोड़ डॉलर (52 से 75 अरब रुपये) तक घट सकता है।
परामर्श एजेंसी ने दो स्थितियों को रखकर यह आकलन किया है। पहली स्थिति में मैच के दौरान स्टेडियम में आधी सीटों के भरने और दूसरी स्थिति में स्टेडियम के पूरी तरह से खाली रहने पर या टिकटों की कोई बिक्री नहीं होने से जुड़ी है। बीसीसीआइ की मानें तो फिलहाल आइपीएल-13 को रद करने का कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यह 15 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है। इस तरह के खेल आयोजनों के रद होने से नुकसान उठाने वाला भारत इकलौता देश नहीं होगा। दुनिया भर ने पहले ही टोक्यो ओलंपिक गेम्स को रोकने की घोषणा कर दी है। इससे पहले खेल आयोजनों पर इस तरह की रोक द्वितीय विश्व युद्ध के समय लगी थी। उस समय भी ओलंपिक गेम्स रद हो गए थे।
आपको बता दें कि आइपीएल का सीधा प्रसारण करने के लिए स्टार स्पोर्ट्स ने बीसीसीआइ से पांच साल के लिए प्रसारण अधिकार खरीदे हैं। पांच साल के लिए 16,347 करोड़ रुपये चुकाए गए हैं। अगर इसका सालाना आंकड़ा निकाला जाए तो पता चलता है कि हर साल के लिए करीब 5500 करोड़ रुपये चुकाए गए है। जब से आइपीएल की तैयारी शुरू की गई है। खिलाडि़यों की खरीद के लिए नीलाम किया गया, उसके बाद बीसीसीआइ की ओर से इसका कार्यक्रम भी जारी किया गया। उसके बाद से स्टार स्पोर्ट्स पर लगातार पिछले साल के आइपीएल और उससे पहले के आइपीएल के मैच दिखाए जा रहे हैं। इससे आइपीएल के इस सत्र को लेकर माहौल बन रहा था, लेकिन अब तो माहौल भी ठंडा हो गया है।
आपको फिर से बता दें कि इस साल का आइपीएल 29 मार्च से शुरू होना था और इसका फाइनल मैच 24 मई को खेला जाना था, लेकिन अब इसे अभी 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।
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