लॉकडाउन पर भारी पलायन


                          



नई दिल्ली/ अक्षर सत्ता। देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वे देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए हैं और राजमार्गों के रास्ते सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने को मजबूर हैं। अपने घर लौटने के लिए बस मिलने की उम्मीद में शनिवार को दिल्ली-गाजियाबाद सीमा क्षेत्र कौशांबी में सैकड़ों प्रवासियों की भीड़ उमड़ पड़ी। जान बचाने के लिए जिंदगी जोखिम में डालकर कई लोग बसों की छतों पर भी सवार हुए। उधर, मुंबई महानगर क्षेत्र में काम करने वाले गुजरात और राजस्थान के करीब 3 हजार मजदूर महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में फंस गये। वहीं, दूध के टैंकर में छुपकर ठाणे से राजस्थान जा रहे 10 लोगों को पुलिस ने पकड़ा।
इस बीच, रास्ते में फंसे मजदूरों की मदद के लिए केंद्र ने निर्देश दिये हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) चेयरमैन और टोल ऑपरेटरों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रवासी मजदूरों को भोजन, पानी और अन्य जरूरी मदद मुहैया कराएं। गडकरी ने कहा कि संकट के इस समय में हमें अपने साथी नागरिकों के लिए दयावान बनना होगा।
ऐसी स्थिति पर शर्म आनी चाहिए : प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गरीबों के पैदल पलायन का एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘इन मजबूर हिंदुस्तानियों के साथ ऐसा सलूक मत कीजिए। हमें शर्म आनी चाहिए कि हमने इन्हें इस हाल में छोड़ दिया है। ये हमारे अपने हैं।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस भयावह स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है। राहुल ने ट्वीट किया, ‘संकट की घड़ी में हमारे भाइयों और बहनों को कम से कम सम्मान और सहारा तो मिलना ही चाहिए। सरकार जल्द से जल्द ठोस क़दम उठाए।’ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘हजारों गरीब लोग अपने परिवार सहित उत्तर प्रदेश, बिहार पैदल जाने को मजबूर हैं। ये लोग कह रहे हैं कि कोरोना वायरस से नहीं लेकिन भूख से वह जरूर मर जाएंगे।’
एसडीआरएफ का प्रयोग प्रवासी मजदूरों के लिए होगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली सहायता के नियमों में शनिवार को बदलाव किया। इसके तहत 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, ठहरने की अस्थायी व्यवस्था, कपड़े, चिकित्सीय देखभाल आदि के लिए इस कोष से पैसा दिया जाएगा।
दिल्ली न छोड़ें, रहने-खाने का करेंगे इंतजाम : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी श्रमिकों से दिल्ली नहीं छोड़ने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके लिए भोजन और रहने का इंतजाम कर रही है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उनकी सरकार ने इन मजदूरों के लिए बसें उपलब्ध कराई हैं।


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