5 दिन बाद मिला हमलावर बाघ, 3 घंटे रेस्क्यू के बाद ये किया..!!, पेंच टाइगर रिजर्व में पहुंचे एक्पर्ट

                                                     
जबलपुर/अक्षर सत्ता। पेंच टाइगर रिजर्व में पार्क प्रबंधन ने खंभा गांव में युवती पर हमला कर मौत के घाट उतारने वाले बाघ को रेस्क्यू किया। इस बाघ को सघन निगरानी में वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने कॉलर लगाने का कार्य किया है।
उल्लेखनीय है कि विगत 7 अप्रैल को खंभा गांव निवासी पतिराम परते की बेटी नीलकली (22) घर के पीछे लगे महुआ के पेड़ के नीचे महुआ चुनने गई थी। इसी बीच उस पर बाघ ने हमला कर उसे घसीटकर दूर ले गया और उसे खा लिया। काफी देर तक उसके न आने पर परिजनों ने तलाश की तो उसका शव क्षत विक्षत स्थिति में मिला था।


रेस्क्यू टीम ने खोजा-
मालूम हो कि युवती पर हमले के बाद पार्क प्रबंधन ने दिन-रात बाघ की खोजबीन में लगा दिए। इस दौरान हाथियों और कैंप से लगातार सर्चिंग कराई जा रही थी। करीब पांच दिन की मेहनत के बाद हमला करने वाले इस बाघ को खोजकर रेस्क्यू किया गया।
 


विशेषज्ञों की टीम रही मौजूद-
पार्क में बाघ को रेस्क्यू टीम द्वारा ट्रैक्यूलाइज करने के बाद उसे कॉलर पहनाया गया है। इस दौरान विशेषज्ञों की टीम के साथ चिकित्सक भी मौजूद रहे। इस कॉलर के पहना देने के बाद अब बाघ पर सतत निगरानी रखी जा सकेगी। बाघ को बफर क्षेत्र से हटाकर कोर एरिया में छोड़ा गया है।


घाव का किया इलाज-
ऐसा बताया जा रहा है कि बाघ को जब कॉलर पहनाया जा रहा था, तब उसके पेट पर ऊपरी हिस्स पर घाव भी था, जिस पर दवा आदि भी लगाई गई है। हालांकि यह घाव बेहद छोटा बताया जा रहा है।


ये शामिल रहे टीम में-
पार्क डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार, वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा, एबबी सिरसैया, राजू राजपूत, नीरज बिसेन सहित टाइगर रिजर्व के के वन रक्षक, श्रमिक उपस्थित थे।

बाघ को कॉलर पहनाया गया है, वह स्वस्थ है। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कराकर लोगों को जंगल में नहीं जाने की अपील की है। जंगल, वन्यजीव और ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन इसमें ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरूरी है।


- विक्रम सिंह परिहार, पार्क संचालक, पेंच


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