बिहार के लोग बाहर फंसे हैं और सीएम मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं: प्रशांत किशोर

           



पटना/अक्षर सत्ता। लॉकडाउन के बीच राजस्थान कोटा से यूपी सरकार के द्वारा बसों से छात्रों को लाये जाने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी सरकार के इस फैसले की निंदा की थी और इसे लॉक डाउन का उल्लंघन करार दिया था। नीतीश कुमार के इस विरोध पर प्रशांत किशोर की तीखी प्रतिक्रिया आई है। प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए साफ कहा है कि बिहार के लोग बाहर फंसे हुए हैं और हमारे सीएम मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं।


गौरतलब है कि यूपी सरकार द्वारा बसों से छात्रों को कोटा से यूपी लाये जाने पर बिहार सरकार ने केन्द्रीय गृह सचिव से शिकायत की है।बिहार के मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर कहा है कि पहले भी यूपी सरकार ने नॉएडा और गाजियाबाद में फंसे बिहारी मजदूरों को बसों से बिहार भेंज कर लॉक डाउन का उल्लंघन किया था और अब राजस्थान से छात्रों को लाकर लॉक डाउन से जुड़े भावनाओं की अवहेलना की जा रही है। कोटा में फंसे छात्र विडियो जारी कर नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार ने छात्रों को वापस लाने की यूपी सरकार के फैसले की मुखालफत की है, उम्मीद कम ही है कि वो बिहार के छात्रों को वापस लाने के लिए कुछ करेंगे।


नीतीश कुमार पर RJD और RLSP दोनों ने निशाना साधा है।दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि बिहार के बाहर फंसे मजदूरों-छात्रों की चिंता नीतीश कुमार को नहीं है। RLSP के राष्ट्रिय महा सचिव ने कहा है कि अपने बिहारियों की मदद करने ,उन्हें वापस लाने की बजाय नीतीश कुमार लॉक डाउन की दुहाई दे रहे हैं, यह शर्मनाक है। केवल कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार पर लॉक डाउन के उल्लंघन का आरोप लगाया है।


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