डगमगाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बच्चियों की गुल्लक पर सरकार की नजर


नई दिल्ली/ अक्षर सत्ता। कोरोना वायरस के लिए तीन हफ्तों का लॉक डाऊन और डगमगाते कारोबारों ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला कर रख दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने ताबड़तोड़ छूट का ऐलान किया मगर बाजार के लिए ये राहतें ऊंट में मुंह में जीरा ही बनी हुई हैं। अब इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की नजर बच्चियों की गुल्लक पर पड़ी है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बच्चियों की योजनाओं के लिए मिलने वाले ब्याज में भारी-भरकम कटौती के अलावा आम आदमी की सरकारी बचत योजनाओं में भी कटौती की गई है।


नुकसान की भरपाई के लिए बचत योजनाओं के ब्याज पर नजर
कोरोना और लॉक डाऊन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने आम आदमी की बचत योजनाओं को ही निशाना बनाना शुरु कर दिया है। सरकार ने इन योजनाओं की ब्याज दरों में 1.4 प्रतिशत तक कटौती की है। इस कटौती को अप्रैल से जून की तिमाही में लागू किया जाएगा।


तीन महीनों के लिए घटाई जाएंगी ब्याज की दरें
पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना सरीखी स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों को सरकार ने तीन महीनों के लिए घटाने का ऐलान किया है। इनकी बायाज दरों में 07 प्रतिशत से 1.4 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी। ये कटौती अप्रैल से जून तक लागू होगी। PPF की ब्याज दर में 0.8 फीसदी की कटौती करके इस तिमाही के लिए इसे 7.1 फीसदी कर दिया गया है।


लघु बचत योजनाओं के ब्याज की दरों में भी हो सकती है कटौती
किसान विकास पत्र पर 0.7 प्रतिशत, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 1.1 प्रतिशत कटौती की गई है। सुकन्या समृद्धि योजना में सबसे ज्यादा 1.4 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसमें 8.4 प्रतिशत की जगह सिर्फ 7.6 प्रतिशत ब्याज ही दिया जाएगा। इसके बाद लघु बचत योजनाओं के ब्याज में भी कमी के कयास लगाए जा रहे हैं।


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