इजरायल ने बना ली कोरोना की दवा !


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। दुनिया भर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण की दवा की अभी खोज ही की जा रही है, वहीं इजरायल ने इस बीमारी पर काबू पाने के लिए दवा की खोज करने का दावा किया है। कथित तौर पर उसका दावा है कि वह कोविड-19 के मरीजों में 10 फीसदी सफलता के साथ पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में परीक्षण किया जा रहा है। उसका यह भी कहना है कि उसने इस दवा से आईसीयू में भर्ती सात मरीजों को ठीक भी किया है। इजरायल के हाइफा स्थित एक बायोटेक कंपनी प्लुरिस्टेम थेरप्यूटिक्स इंक ने बताया कि इस दवा का परीक्षण करने के बाद सांस लेने में तकलीफ होने, शरीर के विभिन्न आंतरिक भाग के विफल, हृदय रोगी और किडनी फेल सहित कई गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया गया।


कंपनी का कहना है कि प्लूरिस्टेम के एलोजेनिक प्लेसेन्टल एक्सपेंडेड (पीएलएक्स) कोशिकाओं के साथ सात रोगियों का इलाज किया गया था। ये कोशिशकाएं कोरोना वायरस के मरीजों में बहुत ही तेजी के साथ इम्यून सिस्टम को पैदा करती है। अब इस पीएलएक्स सेल थेरेपी से न्यू जर्सी में हॉली नामक हेल्थ सेंटर में कोविड-19 के मरीज का इलाज किया है। हालांकि, इसके परिणाम की अभी घोषणा नहीं की है. दरसअल, प्लुरिस्टेम थेरेप्यूटिक्स प्लेसेन्टास का इस्तेमाल संक्रमित लोगों में कोशिकाओं को विकसित करने और बीमार लोगों के शरीर में चिकित्सीय प्रोटीन का स्राव करने के लिए किया जाता है।


कंपनी के सीईओ और अध्यक्ष याकी याने ने कहा कि जल्द ही एक परीक्षण किया जाएगा और उन्हें उम्मीद है कि एक बार प्रयोग में आने के बाद उसे जल्द ही अनुमति मिल सकती है। उन्होंने कहा, नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद इलाज के लिए इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम इलाज के लिए इस तरह के हजारों कोशिकाओ को तैयार कर सकते हैं।


उन्होंने बताया कि इलाज में 15 मिली लीटर की कोशिकाएं को शामिल किया जाता है, जिन्हें प्लेसेंटल ईएक्सपैंडेड कोशिकाओं के रूप में जाना जाता है। इन कोशिकाओं को साधारण इंजेक्शन के जरिये मांसपेशियों में डाला जाता है. एक बार शरीर में जाने के बाद एक प्रकार से यह छोटी फैक्टरी की तरह काम करने लगती हैं, जो चिकित्सीय प्रोटीन उत्पन्न करती हैं।


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