इंदौर पथराव :  मुस्लिम संगठनों ने माफी मांगी


नई दिल्ली/ अक्षर सत्ता। अक्सर कहा जाता है कि विपदा कभी अकेले नहीं आती है। अपने साथ ढेर सारी विपदा भी लाती है। ऐसा ही कोरोना वायरस (Corona Virus) भी अकेले नहीं आई है बल्कि अपने साथ आशंका,डर भी लोगों के दिमाग में पैदा कर दी है। हालांकि इस मुश्किल हालात में भी लोगों को जब अपनी गलतियों का अहसास होता है तो माफी मांगने से भी नहीं चूकते है। ऐसा ही एक वाकया तब देखने को मिला जब हाल ही में इंदौर में संक्रमित मरीजों की पहचान करने गए डॉक्टर,प्रशासन पर पथराव करने के बाद इस घटना पर अफसोस जताया गया है। इसके लिये इंदौर के अखबारों में विज्ञापन देकर मुस्लिम संगठनों ने माफी मांगी है। जिसकी चौतरफा तारीफ हुई है।


मरकज से जुड़े लोगों की खोज में गई थी टीम


मालूम हो कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज से निकले तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वाले लोगों ने जब देश भर के अलग-अलग प्रदेशों में वापस अपने घर गए तो साथ में कोरोना से संक्रमित भी हुए। जब इसी आशंका की पुष्टि को लेकर मध्यप्रदेश के इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके में डॉक्टरों की टीम पहुंची तो आशंकित लोगों ने पथराव किया।जिसकी देश भर में घोर निंदा की गई।



कोरोना के खिलाफ जंग में सहयोग का दिया भरोसा  


हालांकि अब इस घटना पर अफसोस जताते हुए इंदौर के ही मुस्लिम संगठनों ने आगे आकर अखबारों में आज विज्ञापन दिया और इसके लिये माफी मांगा है। यह माफी डॉक्टर्स और नर्स समेत प्रशासन से मांगा गया है। जिसमें यह कहा गया कि अल्लाह के बाद इस खूबसूरत धरती पर असल में डॉक्टर ही उनका प्रतिनिधित्व होता है। इन संगठनों ने यह भी कहा है कि अफवाहों में आकर कुछ लोग भटक गए थे। जिससे इस तरह की निंदनीय घटना हो गई। इसके साथ ही डॉ. तृप्ति कटारिया, डॉ. जकिया सैयद, समस्त डॉक्टर, नर्सों, मेडिकल टीम, शासन-प्रशासनको कोराना के खिलाफ इस जंग में सहयोग का भी वायदा किया है।


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