नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। कोरोना संक्रमण और लम्बे लॉकडाउन ने भारतीय उद्योग जगत की कमर तोड़ दी है। इसको लेकर अब विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार को जहां चेता रहा है, वहीं सरकार के खर्चों में कटौती करने के सुझाव भी दे रहा है।
कांग्रेस ने खास तौर पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर कांग्रेस की ओर से कुछ सुझाव दिए थे। अब कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में पूछा है, 'क्या पीएम मोदी केयर स्पष्ट करेंगे कि भारत के करदाताओं का 20,000 करोड़ रुपये उनके और उनकी कैबिनेट के नए घर और ऑफिस पर क्यों खर्च किया जा रहा है, जबकि सभी की आय में कटौती हो रही है?'
इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने गुजरात में बढ़ते कोरोना मामले को भी उठाया है। अपने ट्वीट में तंज कसते हुए पार्टी लिखती है, 'जिस गुजरात मॉडल के झूठ का जाल रचकर भाजपा सत्ता पर काबिज हुई, आज कोरोना की लड़ाई में उसको ध्वस्त होना ही था। गुजरात की जनता की चिंता भाजपा की प्राथमिकता क्यों नहीं है?'
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में पूछा है, 'क्या पीएम मोदी केयर स्पष्ट करेंगे कि भारत के करदाताओं का 20,000 करोड़ रुपये उनके और उनकी कैबिनेट के नए घर और ऑफिस पर क्यों खर्च किया जा रहा है, जबकि सभी की आय में कटौती हो रही है?'
कांग्रेस ने तीसरा मुद्दा न्यायपालिका को लेकर उठाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने वीडियो के जरिए सवाल उठाए हैं। वह पूछते हैं, 'डिलीवरी ऑफ जस्टिस क्या एसेंशियल नहीं है, कहने को हम कहते हैं कि बिजली एसेंशियल, खाना-पीना एसेंशियल तो क्या जस्टिस डिलीवरी सिस्टम एसेंशियल नहीं है?'
बता दें कि सोनिया गांधी ने अपने सुझाव में पीएम मोदी को लिखा था कि लॉक डाउन की वजह से MSME सेक्टर को रोजाना 30 हजार करोड़ का घाटा हो रहा है। ऐसे में केंद्र को 1 लाख करोड़ रुपये का MSME वेतन सुरक्षा पैकेज का ऐलान करना चाहिए। इसके साथ ही सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड भी घोषित करना चाहिए।
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