कमलनाथ ने भाजपा, सिंधिया पर जमकर निकाली भड़ास

                                         


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा को लेकर खुलकर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में लगी हुई थी और भाजपा हमारी सरकार गिराने में। आज मध्य प्रदेश के हालात देश और दुनिया देख रही है। पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी भाजपा से क्या डील हुई, यह कुछ दिनों में खुलकर सामने आ ही जाएगा। रविवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कमलनाथ ने कहा कि आज पूरी दुनिया एक गंभीर महामारी की चपेट में है। 


दुनिया के सभी देश सामूहिक रूप से भी और अपने-अपने स्तर पर इसका समाधान तलाश रहे हैं। हज़ारों लोग रोज़ इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस महामारी से लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हम हर हाल में सब मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे। उन्होंने कहा कि वे मध्य प्रदेश के हालात को लेकर चिंतित हैं। इसके हालात दूसरे राज्यों से बिल्कुल अलग हैं। कमलनाथ ने कहा कि राज्य में प्रजातंत्र के नाम पर केवल एक मुख्यमंत्री मात्र है। न स्वास्थ्य मंत्री है, न गृह मंत्री है।


कोई कैबिनेट ही नहीं है राज्य में, न ही लोकल बॉडी है, सब नदारद हैं। इस लड़ाई की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है और मध्य प्रदेश के प्रिंसिपल सेकेट्री, हेल्थ समेत 45 से अधिक अधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जहां इस जंग में दो डॉक्टरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इंदौर शहर सबसे ज़्यादा प्रभावित है और राजधानी भोपाल दूसरे नंबर पर है। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र प्रदेश है जहां जितने मरीज़ ठीक हुए हैं लगभग उतनों की ही मृत्यु हो गई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 10 लाख़ लोगों पर मात्र 55 टेस्ट हो रहे हैं, जो बेहद चिंता जनक हैं। प्रदेश के 20 जिलों में इस महामारी की पहुँच हो चुकी है। सबसे बड़ी चिंता किसानों की है। उनकी फ़सल पक गई है। 


सरकारी ख़रीद 25 मार्च को चालू हो जानी थी, अभी तक उसका कुछ पता नहीं है। रोज़ कमाकर खाने वालों की चिंता है। उन तक मदद नहीं पहुँच रही है। उन्होंने कहा कि देश के हालात बेहद चिंताजनक हैं। 12 फ़रवरी को सबसे पहले राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को कोरोना के बारे में आगाह किया था। लेकिन 40 दिन बाद 24 मार्च को लॉक डाउन घोषित किया गया। तब तक यह महामारी भारत में 175 गुना बढ़ चुकी थी। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि इस देरी के पीछे केवल और केवल उनकी सरकार को गिराना ही एकमात्र कारण था। 


उन्होंने कहा कि जिस वक्त मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार कोरोना से लड़ने की तैयारी में लगी थी और केंद्र और प्रदेश की भाजपा अपनी सत्ता की भूख मिटाने में लगी थी। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को मध्यप्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री ने शपथ ली और 24 मार्च से लॉक डाउन घोषित किया गया।


सवालों के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि ज्योतिरादित्य की भाजपा से क्या सौदेबाजी हुई, इस बारे में उन्हें फिलवक्त कोई जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसी बातें छिपती नहीं। जल्द ही सब सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों ने बैंगलुरू के होटल के बाथरूम से उनसे बात की थी। लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा की तरफ से उन्हें कोई बड़ा ऑफर मिल चुका था।


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