लखनऊ/अक्षर सत्ता। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नये दिशा-निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस महामारी को मात देने वाले तमाम तबलीगी जमातियों की प्लाज्मा दान करने की पेशकश पर फिलहाल आगे की कार्रवाई को रोक दिया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्लाज्मा देने के लिए संक्रमण से ठीक हो चुके तबलीगी जमातियों से संपर्क किया था और वे मौजूदा वक्त में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिये अपना प्लाज्मा देने को तैयार थे। मगर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के बाद फिलहाल इसे रोक दिया गया है। वहीं निजामुद्दीन मरकज की लखनऊ स्थित शाखा के प्रबन्धक मौलाना अनीस अहमद नदवी ने कहा, ‘प्लाज्मा देकर जमाती किसी तरह का एहसान नहीं कर रहे हैं। यह इंसानियत का तकाजा है। कोई भी इंसान किसी जानलेवा बीमारी को खुद नहीं ओढ़ता। लगभग सभी मुल्क और उन में रहने वाले लोग इस बीमारी की मारक क्षमता को लेकर मुगालते में रहे।’ मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिहाज से ‘प्लाज्मा थेरेपी’ ने आशा की किरण दिखाई है। लखनऊ का किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने वाला राज्य का पहला संस्थान भी बन गया है।
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