नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच इस बार रमजान का त्यौहार बनाया जा रहा है। इस बारे में पहले ही सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी कर दी गईं थीं। वहीँ, लॉकडाउन के चलते देशभर में सभी मस्जिदें बंद हैं। दुनिया की सबसे पवित्र कही जाने वाली मक्का मस्जिद भी इन दिनों बंद की गई है।
कोरोना संकट को देखते हुए सऊदी अरब की सबसे शीर्ष धार्मिक परिषद ने दुनिया भर के मुसलमानों से अपील की है कि सभी रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिदों में जाकर नमाज़ न पढ़ें और न किसी भी सभा का आयोजन करें, लोगों को घर पर रहने और घर पर ही नमाज अदा करने की अपील की गई है।
गाइडलाइन को माने
वहीँ, भारत के भी बड़े जिम्मेदार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने और वरिष्ठ मौलवियों ने रमजान महीने में मस्जिद न जाने की सलाह देते हुए भारतीय मुसलमानों के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी कर लोगों से घरों में ही रहने की अपील की। लेकिन इस बीच जब देश में कोरोना संकट फैला हुआ है, तब लोग किस तरह से खुद को बीमारी और उसके खतरे से बचा सकते हैं आईये जानते हैं।
रोजे के दौरान करें ऐसा...
- रमजान के रोजे में जब भी खाने-पीने की इजाज़त होती है, तब आप पर्याप्त कैलोरी ले सकते हैं। इसमें शरबत के अलावा जूस, शेक आदि शामिल कर सकते हैं।
-रोजे के दौरान खाए जाने वाले भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फ़ैट्स, विटामिन सी और आयरन शामिल जरूर करें।
-इसके अलावा अलग-अलग तरह का खाना खाएं, ये आपके मूड को भी ठीक रखेगा और अलग-अलग रंग की सब्ज़ियां, फल, दालें और फलियां शामिल जरूर करें।
-स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको अच्छी नींद लेनी होगी और योग या हल्की एक्सरसाइज़ करना भी बेहतर रहेगा। इसके अलावा आप खुद को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करें ताकि आपका इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम कर सके।
-इस बात का खास ख्याल रखें कि हर हालत में आपका इम्यून सिस्टम मज़बूत रहना ज़रूरी है क्योंकि इसी के ज़रिए आप कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ सकेंगे।
-रोजा है लेकिन साफ-सफाई को न छोड़े और हाथों को अच्छी तरह से और बार-बार धोकर भी आप कोरोना के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही गाइडलाइन को फॉलो करें।
बीमार लोगों के लिए...
-जो लोग कोरोना के अलावा भी किसी बीमारी से ग्रस्त हैं वो अगर रोजा रखना चाहते हैं तो ध्यान दें कि अगर जरूरी न लगे तो रोजा न रखें लेकिन अगर आप रखना भी चाहते हैं तो डॉक्टर की निगरानी में ही रोजा रखें।
-इस दौरान खास तौर पर डायबिटीज के मरीज और इसी तरह की दूसरी लॉन्ग-टर्म बीमारियों से पीड़ित लोगों को रोजा रखने की सलाह नहीं है। इस बात को नजरअंदाज न करें।
-लेकिन फिर भी कुछ बिमारियों में अगर आप रोजा रख रहे हैं तो पहली शर्त यही है कि डॉक्टर की सलाह लें और खुद को किसी भी कमजोरी का शिकार न होने दें।
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