नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। देश की सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनियों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव का असर दिखने लगा है। इससे पहले कोरोना संकट की वजह से मुकेश अंबानी की कंपनियों की आय में लगातार गिरावट आ रही थी। अब बात वेतन कटौती पर आ गई है। मुकेश अंबानी तो अपनी सैलरी ही नहीं लेंगे। इसके साथ ही कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी में भी 50 फीसदी तक की कटौती कर दी गई है। कंपनी के लैटर में इस बात का उल्लेख किया गया है।
कंपनी ने 15 लाख रुपये से ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों को सबसे पहले निशाने पर लिया है। इनकी सैलरी में 10 फीसदी की कटौती की गई है, जबकि सीनियर अधिकारियों को उनकी सैलरी में 30 से लेकर 50 फीसदी तक की चपट लगेगी। 15 लाख से कम सैलरी वालों को कंपनी ने राहत दी है। इनकी सैलरी में कोई कटौती नहीं की जा रही है। साफ है कि मोटी तनख्वाह पाने वालों को नुकसान होने जा रहा है।
साफ है कि जब अंबानी जैसे सबसे अमीर उद्योगपति का कोरोना कहर में ऐसा हाल हो गया है, तो बाकी इंडस्ट्री के लोगों के क्या हालात होंगे। अंबानी समूह में वेतन कटौती से भारतीय उद्योग जगत में संदेश जा रहा है कि देश में हालात सही नहीं है। उधर, केंद्र की मोदी सरकार पर भी अपने खर्चों में कटौती करने का दबाब बढ़ता जा रहा है।
विपक्ष केंद्र सरकार पर सेंट्रल विस्टा और अन्य गैर जरुरी प्रोजेक्ट्स को रोकने की मांग कर रहा है। इसके साथ ही आवाज उठ रही है कि देश के 50 सबसे अमीरों पर अतिरिक्त कर लगाया जाए। इसको लेकर मोदी सरकार के कुछ अफसरों ने भी राय दी थी। हालांकि सरकार ने इसे गलत करार दिया था।
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