कोरोना वायरस: जर्मनी-फ्रांस ने अमेरिका पर लगाया फेस मास्क जब्त करने का आरोप

     


वाशिंगटन। जर्मनी और फ्रांस ने अमेरिका पर उनके लिए बनाए गए लाखों फेस मास्क और सुरक्षात्मक गीयर जब्त करने का आरोप लगाया है। दोनों देशों ने इसे 'आधुनिक चोरी' की संज्ञा दी है। इससे पहले फ्रांस ने अमेरिका पर चीन में उसके लिए बनाए जा रहे मास्क खरीदने का आरोप भी लगाया था।


ब्रिटेन के गार्डियन अखबार में जर्मन प्रशासन की ओर से छपी खबर के अनुसार, थाइलैंड में एक विमान से दूसरे विमान में स्थानांतरित करने के दौरान दो लाख एन95 मास्क को अमेरिका भेज दिया गया। जर्मनी के गृह मंत्री एंड्रियास गिजेल ने कहा, वैश्विक संकट के दौरान अमेरिका द्वारा किया गया यह व्यवहार कतई उचित नहीं है। जर्मनी के मीडिया में इस तरह की खबरें भी आई थीं कि अमेरिकी कंपनी 3एम के लिए एक चीनी कंपनी ने मास्क बनाए थे। लेकिन अमेरिकी कंपनी 3एम ने सफाई दी है कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे यह पता चले कि कंपनी के लिए बनाए गए फेस मास्क जब्त कर लिए गए हैं। कंपनी के पास बर्लिन पुलिस के लिए फेस मास्क बनाने की कोई सूचना नहीं है।


कोरोना वायरस से दुनियाभर में तबाही मची हुई है। इस वायरस से दुनियाभर में अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या करीब 12 लाख हो गई है। वहीं, दो लाख 46 हजार व्यक्ति ठीक भी हुए हैं। सबसे हैरानी की बात ये है कि इस वायरस के सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश सबसे शक्तिशाली है। अमेरिका कोरोना वायरस की चपेट में है। यहां बाकी देशों के मुकाबले सबसे अधिक मामले हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस से फिलहाल सभी देश संक्रमित हैं। इसके प्रसर को रोकने के लिए सभी देशों ने अपनी-अपनी सीमाओं को बंद कर लिया है। दरअसल, इस वायरस को रोकना का फिलहाल एक यहीं तरीका है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। ऐसा करने से कम फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही इसे महामारी घोषित कर दिया है।


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