लॉकडाउन: गुजरात के सूरत में दूसरे दिन भी  सड़कों पर उतरे प्रवासी मजदूर



नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। गुजरात के सूरत में लगातार दूसरे दिन भी मजदूर सड़कों पर नजर आए। इसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। कल भी महाराष्ट्र के बांद्रा स्टेशन की तरह सूरत में भी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे। लेकिन सूरत की खबर मीडिया में ज्यादा हाइलाइट्स नहीं हुई। बताया जा रहा है कि सूरत के मजदूर अब घर लौटना चाहते हैं। कल भी वह लॉकडाउन खुलने की उम्मीद में सड़कों पर उतर आए थे। 



बता दें कि प्रवासी मजदूर यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान से आए हुए हैं। सूरत में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बंद पड़ी हैं। कारखाने बंद होने से मालिक उनकी तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं। इसके साथ ही जिन हालात में मजदूर रह रहे हैं। उससे भी उनकी बैचेनी बढ़ गई हैं। सूरत में पहले भी मजदूर घर लौटना चाहते थे। लेकिन पुलिस कार्रवाई के बाद उन्हें वापस हताश लौटना पड़ा। 



बता दें कि विपक्ष लगातार भाजपा सरकार पर प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित तरीके से उनके गांव पहुंचाने की मांग कर रहा है। इसके लिए स्पेशल ट्रेन और बसें चलाने का अनुरोध किया जा रहा है। कल गृहमंत्री अमित शाह ने बांद्रा प्रकरण पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात की थी, लेकिन इस बीच सूरत में मजदूरों में भी अशांति देखी गई। 



मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, 'बांद्रा स्टेशन की वर्तमान हालत, जिसे अब सही कर दिया गया है। ऐसे हालात की वजह से सूरत में दंगे जैसे माहौल बना, के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए घर वापस जाने का इंतजाम नहीं करने का परिणाम है। वे लोग भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे सिर्फ घर लौटना चाहते हैं।'


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