लॉकडाउन का असर: निजी वितरण कंपनी बीएसईएस की माली हालत खस्ता, सरकार से मदद की गुहार


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता। कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन ने करीब 35 लाख परिवारों को दिल्ली में बिजली की आपूर्ति कर रही निजी वितरण कंपनी बीएसईएस की माली हालत खस्ता कर दी है। कंपनी को लॉक डाउन के चलते उपभोक्ताओं से बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में कंपनी ने बिजली की निर्बाथ आपूर्ति जारी रखने के लिए दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बिजली कंपनी ने सरकार से अपील की है कि सब्सिडी की राशि बकाया राशि में काटने की बजाय सीधे उसे दी जाए, ताकि बिजली की निर्बाथ आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आए। बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी पर दिल्ली सरकार की कंपनियों डीटीएल, आईपीजीसीएल और पीपीसीएल का 12000 करोड़ बकाया है। ऐसे में सरकार बीएसईएस की दोनों कंपनियों की सब्सिडी राशि अपनी तीनों कंपनियों को ही देती है।


लेकिन अब बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना ने दिल्ली सरकार के ऊर्जा सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि मार्च महीने से लॉक डाऊन की घोषणा होते ही ऊपभोक्ताओं से बिजली बिलों का भुगतान करीब बंद हो गया है और कंपनी नकदी की कमी से जूझ रही है। इसलिए दिल्ली की जनता से बिजली बिल भुगतान सुनिश्चित कराए और सब्सिडी की राशि सीधे वितरण कंपनी को ही दी जाए।


अभी दिल्ली सरकार बीएसईएस यमुना से  बकाया वसूली करने के लिए सब्सिडी की राशि अपनी कंपनियों को ट्रांसफर करती है। बीएसईएस प्रबंधन का कहना है कि सब्सिडी राशि सीधे बीएसईएस यमुना के खाते में दी जाए। बीएसईएस यमुना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीआर कुमार द्वारा दिल्ली सरकार को भेजे पत्र में कहा गया है कि सब्सिडी की राशि को दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड व दो अन्य सरकारी कंपनी को दे दिया जाता है। लेकिन अभी बकाया वसूली नहीं की जाए। दिल्ली सरकार सब्सिडी की राशि सीधे बीएसईएस को दे तो कंपनी का कैश फ्लो बनेगा, जिससे कंपनी के कामकाज का खर्चा चलेगा। उन्होंने दिल्ली सरकार से गुहार लगाई  है कि पावर फाइनेंस कारपोरेशन से लोन दिलाने में भी  मदद की जाए। ऊन्होने पत्र में कहा कि विज्ञापन जारी कर दिल्ली की जनता से बिजली बिल भुगतान के लिए जागरूक किया जाए, ताकि जनता बिल का भुगतान करे। कंपनी ग्राहक को एसएमएस से बिल भेजेगी। इससे बिल भुगतान बढ़ेगा।


46 करोड़ का बकाया भी दिलाया जाए
बीएसईएस यमुना का दिल्ली के घरेलू बिजली ऊपभोक्ताओं पर   21.32 करोड़ रूपए बकाया है। जबकि सरकारी  विभागों पर 24. 87 करोड़ बकाया है। इसमें दिल्ली पुलिस पर 4.38 करोड़, दिल्ली जल बोर्ड पर 3.05 करोड़, दिल्ली नगर निगम पर 6.10 करोड,डूसिब पर 3.42 करोड़, लोक निर्माण विभाग पर 2.96 करोड़ व डीडीए पर 0.52 करोड़ रूपए बकाया है। दिल्ली सरकार से बीएसईएस यमुना ने गुहार लगाई है कि यह भुगतान भी देना सुनिश्चित कराया जाए।


बिजली वितरण कंपनी ने आग्रह किया है कि 24 मार्च के बाद किसी प्रकार का बकाया लेने के लिए बीएसईएस को निर्धारित तिथि से 60 दिन ज्यादा समय दिया जाए,जिस पर लेट पेमेंट सरचार्ज नहीं लिया जाए। साथ ही, बीएसईएस से भुगतान लेने की तिथि 24 अगस्त निर्धारित कर दी जाए और बीएसईएस से भुगतान लेने के लिए कोर्ट से मदद न ली जाए।


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