मप्र के जंगल में दिखा दुर्लभ 'गिद्ध'


भोपाल/अक्षर सत्ता। प्रकृति के स्वच्छता के सिपाही कहे जाने वाले गिद्धों की एक प्रजाति मध्य प्रदेश के इटारसी के समीप केसला आदिवासी ब्लॉक के मोरपानी वनग्राम में देखने को मिली है। गिद्घ इस गांव में 4 से 5 के झुंड में थे। ये गिद्घ 'चमर गिद्ध' कहलाते हैं।


ग्रामीण क्षेत्रों में अचानक ये गिद्ध दिखाई देने की वजह लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम होना माना जा रहा है। होशंगाबाद के डीएफओ (जिला वन अधिकारी) अजय कुमार पांडेय के मुताबिक ये गिद्ध दुर्लभ हैं, इनकी प्रजाति विलुप्त श्रेणी में शामिल है। 40 से 45 वर्ष पूर्व ये गिद्घ यहां पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे खत्म होते चले गए। यहां इनका फिर से देखा जाना शुभ संकेत है।


जानकारों का कहना है इस पक्षी को बंगाल का गिद्ध कहा जाता है। इस प्रकार के विलुप्त हो चुके गिद्ध का दूसरा नाम 'चमर गिद्ध' भी है। डीएफओ पांडेय के मुताबिक काफी वर्षो पहले ये गिद्ध सुखतवा रेंज की मोरपानी बीट में देखे गए थे। उसके बाद अब ये गिद्ध देखने को मिले हैं।


जंगलों में मनुष्यों की चहलकदमी नहीं होने के कारण अब वन्य प्राणी सड़कों पर आ रहे हैं


लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम हुआ है और जंगलों में वन्य प्राणी व पक्षियों में हलचल बढ़ी है। जंगलों में मनुष्यों की चहलकदमी नहीं होने के कारण अब वन्य प्राणी तो सड़कों पर आ ही रहे हैं।



ऊंची चट्टानों में रहने वाले विलुप्त प्रजाति के परभक्षी चमर गिद्घ भी अब दिखाई देने लगे हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ऊंची पहाडि़यों पर इनके घरौंदे होने का अनुमान है।


 


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