पटना/ अक्षर सत्ता। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस संकट की घड़ी में बिहार की जायज मांग पर भी केंद्र सरकार विचार नहीं कर रही है। देश में सबसे कम स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण बिहार को ही क्यों मिल रहे हैं? उन्होंने कहा है कि छोटे प्रदेश जहां कोरोना का इतना प्रकोप भी नहीं है, उन प्रदेशों को बिहार से अधिक सुरक्षा उपकरण मिल रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी सवाल किया है कि क्या डबल इंजन सरकार से बिहार को यही सिला और फल मिला? क्या दिल्ली में बैठे बिहार से एनडीए के 50 सांसद और 6 बड़े केंद्रीय मंत्री विपदा की इस कठिन घड़ी में राजनीति से ऊपर उठकर अपने राज्यवासियों के उपचार व बचाव के हित में जायज़ मानग के पक्ष में मुखरता से आवाज़ नहीं उठा सकते?
तेजस्वी ने कहा बिहारवासी सूक्ष्मता से ड़बल इंजन सरकार की कार्यशैली और रवैये को देख रहे है। वो यह भी जानते है कि ये कैसे बिहार की सत्ता पर क़ाबिज़ हुए। अगर संकट के समय केंद्र सरकार अपनी ही राज्य सरकार की नहीं सुनती तो आप कल्पना कर सकते है कि 12 करोड़ बिहारवासी कैसे भगवान भरोसे जी रहे है। हम एक ज़िम्मेवार और सकारात्मक विपक्ष के नाते सरकार का हरसंभव सहयोग कर रहे है। लेकिन सरकार बिहार के बारे में सोचती ही नहीं।
बिना राशनकार्ड वालों की सहायता का रास्ता निकाले सरकार
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि बिना राशन कार्ड वाले गरीबों को भी इस विषम परिस्थिति में सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जीवन यापन के लिए दैनिक आय पर निर्भर रहने वाले करोड़ों असहाय ग़रीब लोगों का एक बड़ा वर्ग है। उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। कुछ लोगों के नाम राशन कार्ड में नहीं हैं। ऐसे गरीब लोगों को सरकारी सुविधाओं और राशन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इन असहाय लोगों को यथाशीघ्र राशन और आर्थिक मदद की व्यवस्था करना अनिवार्य है।
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