नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना संकट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को 200 वेंटिलेटर दान करने का ऐलान किया था, लेकिन अब पता चल रहा है कि इसके लिए भारत सरकार को मोटी रकम चुकानी होगी। दरअसल, भारत ने कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका को एंटी मलेरिया मेडिसिन हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देकर सहायता की थी। लेकिन, इससे पहले ट्रंप ने भारत को धमकी भरे लहजे में वैसी ही कार्रवाई का इशारा किया था। इसको लेकर भारत में विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार आ गई थी। दबाब में मोदी सरकार ने हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर लगाई रोक को हटा लिया।
बता दें कि खुद ट्रंप ने शुक्रवार को अपने ट्वीट लिखा था, 'मुझे यह ऐलान करते हुए गर्व हो रहा है कि अमेरिका अपने मित्र भारत को वेंटिलेटर्स दान करेगा। हम इस महामारी में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। हम वैक्सीन बनाने पर भी सहयोग कर रहे हैं। हम मिलकर अदृश्य दुश्मन को हरा देंगे।' इसके जवाब में पीएम मोदी ने भी ट्रंप का शुक्रिया किया था।
पीएम मोदी ने उस दौरान कहा था, 'शुक्रिया डोनाल्ड ट्रंप, इस महामारी से मुकाबला करने में हम साथ है। ऐसे समय में यह बहुत जरुरी है कि देश आपस में मिलकर काम करें और हर संभव प्रयास करें कि विश्व सेहतमंद होने के साथ कोविड मुक्त भी हो जाए। ' अमेरिका के इस बदले रुख से फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत-अमेरिका संबंध सामान्य हैं। इस बीच विपक्ष को भी मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है।
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