नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले जिस गति से बढ़ रहे हैं, उसके मद्देनजर लॉकडाउन को एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है। 31 मई को लॉकडाउन 4.0 खत्म होगा। इसके बाद पांचवी बार 14-15 दिन के लिए लॉकडाउन बढ़ाने की तैयारी है।
11 शहरों पर रहेगा फोकस
लेकिन रियायतों पर फैसला राज्य सरकारों के जिम्मे दिया जा सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि इस बार केवल उन 11 शहरों पर फोकस रहेगा, जहां अभी कोरोना संक्रमण फैल रहा है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने संबंधी
खबरों को बेबुनियाद बताते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया है।
कोरोना के मामले बढ़ कर अब तक डेढ़ लाख के पार
देश में कोरोना के मामले बढ़ कर अब तक डेढ़ लाख के पार जा चुके हैं और इस महामारी से मरने वालों की संख्या भी चार हजार के करीब जा चुकी है। इस बीच महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। जो शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नई, अमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता हैं।
देश में कोरोना के 70 फीसद मामले इन्हीं शहरों में
देश में कोरोना के 70 फीसद मामले इन्हीं शहरों में हैं। वहीं शहरों से निकल कर गांवों में पहुंच चुके प्रवासी मजदूरों से भी कोरोना संक्रमण के तमाम मामले सामने आ रहे हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने 30 नगर निगमों की सूची बनाई थी, जहां 80 फीसदी कोरोना केस थे। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार इस बार देशव्यापी लॉककडाउन करने की बजाए फैसला राज्यों के कंधे पर डालने की तैयारी में है। लॉकडाउन 4.0 में भी सरकार ने रेड, ऑरेंज, ग्रीन, कैंटेनमेंट एरिया तय करने की जिम्मेदारी दे दी थी। यह दायरा अब और बढ़ाने की बात हो रही है।
विपक्ष लगातार बना रहा है दबाव
विपक्ष भी लगातार इसके लिए दबाव बना रहा है कि पीएमओ फैसले लेने की बजाए इसका जिम्मा राज्यों को दिया जाए। राज्य सरकारें अपने यहां के हालात का आंकलन करके खुद से रियायतों का फैसला करेंगे। माना जा रहा है कि अब पूरे राज्य अथवा जिले में लॉकडाउन प्रभावी करने की बजाए, केवल उन शहरों और इलाकों में ही पाबंदियां रहेंगी, जहां संक्रमण फैल रहा है अथवा जो रेड जोन और कैंटेनमेंट एरिया हैं।
कर्नाटक में धार्मिक स्थलों को 1 जून से खोलने का ऐलान
कर्नाटक ने तो अपने यहां धार्मिक स्थलों को 1 जून से खोलने का ऐलान किया है। इससे लग रहा है कि लॉकडाउन 5.0 में अन्य राज्य भी धार्मिक स्थलों को खोलने पर फैसला ले सकते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने की अनिवार्यता जैसे निर्देशों का पालन के साथ ही यह रियायत मिल सकेगी। लॉकडाउन 4.0 में राज्यों के आपसी सहमति से अंतर्राज्यीय बसों के संचालन की रियायत दी गई थी, लेकिन अभी इस पर अमल नहीं शुरू हुआ है।
माना जा रहा है कि लॉकडाउन 5.0 में बसों का अंतर्राज्यीय और राज्य के भीतर एक शहर से दूसरे शहर के बीच संचालन शुरू की जा सकती हैं। केंद्र सरकार घरेलू हवाई उड़ानों के साथ रेलवे सेवाएं शुरू कर चुकी है। 1 जून से इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसे देखते हुए लग रहा है कि राज्य सरकारों पर मेट्रो, बस और ऑटो आदि के संचालन पर फैसला लेने को छोड़ दिया जाए।
इन गतिविधियों पर अभी भी लगू सह सकती है पाबंदियां
लॉकडाउन 5.0 अगर लागू किया जाता है तो कई गतिविधियों को रियायत मिल सकती है, लेकिन होटल-रेस्त्रां, मल्टीप्लेक्स, सिनेमाहाल, एम्यूजमेंट पार्क, स्कूल-कॉलेज, कोचिंग, शैक्षिक संस्थान, शादी-विवाह, जलसा-जुलूस और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर अभी भी पाबंदी बनी रह सकती है।
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