बीजिंग।
चीन ने हाल ही में अपने पहले मानवरहित ड्रोन हेलीकॉप्टर का परीक्षण किया है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसे भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात किया जा सकता है। सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स में छपी खबर के अनुसार एआर 500-सी नाम के इस ड्रोन हेलीकॉप्टर को एविएशन इंडस्ट्री कारपोरेशन आफ चाइना (एवीआइसी) ने विकसित किया है। पूर्वी चीन के जिगंक्सी प्रांत के पोयांग में इसका गत बुधवार को परीक्षण किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार यह ड्रोन हेलीकॉप्टर देश के दक्षिण-पश्चिम इलाके भारत-तिब्बत सीमा पर निगरानी के के लिए तैनात किया जा सकता है। सरकार नियंत्रित चाइना सेंट्रल टीवी के अनुसार इस ड्रोन हेलीकॉप्टर ने कई करतब दिखाए। यह पांच हजार मीटर की उंचाई से उड़ान भरकर 6700 मीटर तक की उंचाई पर जा सकता है। 500 किलोग्राम वजन के साथ यह 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार पांच घंटे तक उड़ान भर सकता है।
इस हेलीकॉप्टर की मुख्य उपयोगिता निगरानी और संचार प्रसारण है। लेकिन उपकरणों से सुसज्जित कर इसे संचार में बाधा डालने के साथ निशाने की पहचान और हमला करने में भी सक्षम बनाया जा सकता है। यह नाभिकीय विकिरण और रासायनिक प्रदूषण की पहचान के साथ दूर दराज इलाके में रसद पहुंचाने का भी काम कर सकता है। एवीआइसी के तकनीकी निदेशक फैंगयोंगहांग ने बताया कि इस हेलीकाप्ॅटर को एक स्क्रीन और कीबोर्ड से नियंत्रित किया जा सकता है।
चीन ने उंचाई वाले स्थानों के लिए एक बड़े हेलीकॉप्टर जेड-8जी का पिछले दिनों परीक्षण किया है। यह 4500 मीटर की उंचाई से उड़ान भर कर 6000 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। यह पठारी और पर्वतीय क्षेत्रों में सैनिक और अन्य साजो सामान ले जा सकता है। ग्लोबल टाइम्स अखबार ने लिखा है कि इस ड्रोन हेलीकॉप्टर का परीक्षण ऐसे समय हुआ जब भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ा हुआ है। हालांकि भारत ने चीन के इस आरोप का खंडन किया है कि भारतीय सेना ने सीमा का उल्लंघन किया।
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