शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा-चीन कर रहा है उकसाने और परेशान करने वाला व्यवहार
वाशिंगटन। चीन से लगी भारत की सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका ने नयी दिल्ली का समर्थन किया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह अपने अतिसक्रिय और परेशान करने वाले व्यवहार से यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों के लिये वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस जी वेल्स ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर तनाव और विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के बढ़ते आक्रामक व्यवहार का कुछ-न-कुछ संबंध जरूर है। अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की निवर्तमान प्रमुख वेल्स ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे लगता है कि सीमा पर जो तनाव है वह इस बात को याद दिलाता है कि चीन आक्रामक रुख जारी रखे हुए है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, या भारत से लगी सीमा, हम चीन द्वारा उकसाने वाला और परेशान करने वाला व्यवहार लगातार देख रहे हैं। यह इस बारे में सवाल खड़े करता है कि चीन अपनी बढ़ती शक्ति का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहता है।’ गौरतलब है कि पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग त्सो झील इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सरिये, डंडे और पत्थरों से झड़प हुई थी। इसमें दोनों ओर के सैनिकों को चोटें आई थीं। सूत्रों के मुताबिक नौ मई को एक अन्य घटना के तहत सिक्किम सेक्टर में नाकु ला पास के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस घटना में दोनों ओर के कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आई थीं।
दक्षिण चीन सागर में दबदबा बनाना चाहता है चीन
उल्लेखनीय है कि चीन समूचे दक्षिण चीन सागर में अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वहीं, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रूनेई और ताईवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते हैं। दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर, दोनों क्षेत्रों में चीन क्षेत्रीय विवाद में शामिल है। चीन ने क्षेत्र में कई द्वीपों पर अपना सैन्य अड्डा बनाया है। ये दोनों क्षेत्र खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं और वैश्विक व्यापार का अहम समुद्री मार्ग भी हैं।
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