हमीरपुर: रेड जोन से आये 10 हजार लोग !

 


             


उपायुक्त ने किया संस्थागत क्वारंटाइन सेंटरों का औचक निरीक्षण


हमीरपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोविड-19 महामारी के कारण जारी पूर्णबंदी के कारण बाहरी राज्यों से हमीरपुर जिले के लोगों की घर वापसी जारी है। रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है। उपायुक्त हरिकेश मीणा ने रविवार को विभिन्न संस्थागत केंद्रों का औचक निरीक्षण कर वहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रातः उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर तथा राजकीय डिग्री काॅलेज, हमीरपुर के परिसर में स्थापित स्थलों का दौरा किया। उन्होंने वहां लोगों को ठहराने तथा विभिन्न सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उपमंडलाधिकारी (ना.) डाॅ. चरंजी लाल भी उनके साथ उपस्थित थे। उपायुक्त ने कहा कि जिले में 26 अप्रैल से 23 मई तक 16 हजार से अधिक लोग बाहरी राज्यों से वापस लौटे हैं, जिनमें लगभग 10 हजार लोग रेड जोन से आए हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले इन सभी लोगों की पूर्ण चिकित्सा जांच स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से सुनिश्चित की गई है। रेड जोन से आने वाले लोगों के कोविड-19 जांच के लिए नमूने लेने की प्रक्रिया भी तेज की गई है। अभी तक जिला में साढ़े 4 हजार से अधिक नमूने लिए गए हैं, जिनमें से साढ़े 3 हजार के करीब रेड जोन से आए लोगों के हैं।
अहमदाबाद, ठाणे से आयी ट्रेनों में 170 लोग हमीरपुर पहुंचे
उपायुक्त ने कहा कि आज भी अहमदाबाद तथा ठाणे से हमीरपुर जिले में 2 रेलगाड़ियों में लगभग 170 लोग आये हैं। इन्हें जिले में स्थापित विभिन्न संगरोध सुविधा स्थलों में रखा जा रहा है। इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं। रविवार सुबह महाराष्ट्र के ठाणे से काफी संख्या में लोगों को लेकर स्पेशल ट्रेन प्रातः पठानकोट पहुंची। इसके बाद सभी को एचआरटीसी की बसों के माध्यम से उनके जिला के लिए रवाना किया। इन सभी लोगों को एचआरटीसी की 28 विशेष बसों के द्वारा अपने-अपने जिलों में बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन केंद्रों के लिए रवाना किया गया।
घर वापसी पर लोगों ने की मन की बात
हमीरपुर जिले के नादौन निवासी, जो अपनी पत्नी निशा तथा बेटे ध्रुव व रियांश के साथ पहुंचे, उन्होंने बताया कि उनकी माता का अप्रैल माह में देहांत हो गया था, परन्तु लाॅकडाउन के कारण अनुमति न मिलने की वजह से वे अपने घर नहीं पहुंच पाए थे, परंतु प्रदेश सरकार के प्रयासों से वे दुख की घड़ी में अपने परिजनों से अब जरूर मिल पाएंगे। इसी ट्रेन में जिले के विशाल अपनी पत्नी शिखा तथा 1 वर्ष के बेटे कार्तिक के साथ पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने अपने घर पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, परंतु प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है। पूनम ठाकुर, जो अपने पति राजीव तथा बेटी श्वेता के साथ पहुंची, ने कहा कि जहां से वे लौटे है, वहां पर कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है। हमें कोरोना से न तो घबराना चाहिए और न ही ऐसे मरीजों व उनके परिवारों से कोई भेदभाव रखना चाहिए। हमें मिलजुल कर इन मरीजों का हौसला बढ़ाने के साथ उनकी जरूरी मदद करनी चाहिए।


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