क्रूर मजाक है 20 लाख करोड़ का पैकेज, विपक्ष की बैठक में बोलीं सोनिया गांधी 

                       


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना संकट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को चेताने के लिए विपक्षी दलों की अहम बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी ने एकजुटता दिखाते हुए अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों की बैठक में केंद्र सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया गया और उसकी नीतियों पर भी सवाल उठाए गए। 


इस मौके पर सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र की 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज क्रूर मजाक है और सरकार के पास लॉकडाउन से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि पैकेज के नाम पर सरकार ने ना सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने का इंतजाम कर दिया, वहीं श्रम कानूनों की भी धज्जियां उड़ा दीं।


केंद्र की भाजपा सरकार ने रिफॉर्म के नाम पर लोन का मेला तो लगाया ही, साथ ही निजीकरण को रफ्तार दे दी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालात तो नोटबंदी, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने के दौरान ही खराब हो गई था। कोरोना संक्रमण के पहले मामले दौरान भी अर्थव्यवस्था बुरी हालत में था।
 
बता दें कि कल वामदल के नेता सीताराम येचुरी ने कहा था कि हम सरकार से 10 मांगों पर गौर करेंगे। हमारी सरकार से अपील होगी कि वह लोगों को हित में जरुरी कदम उठाए और उनकी जरुरतों को पूरा करने में सहयोग दे। सरकार से हमारी कुछ मांगें होंगी, जो इस प्रकार हैं:- 
- कोरोना महामारी तक आयकर के दायरे से बाहर आने वाले परिवारों के लिए 7500 प्रति महीना दिया जाए। 
- अगले छह महीने के लिए जरूरतमंद लोगों को हर महीने 10 किलोग्राम अनाज मिले।
 -प्रवासी मजदूरों को उनके गृह प्रदेश जाने के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था हो।
- श्रम कानूनों को खत्म करने के एकतरफा फैसले को स्थगित किया जाए। 


- रबी समेत तमाम फसलों को फौरन एमएसपी पर खरीदा जाए। खरीफ फसलों की बुआई के लिए बीच, खाद और अन्य किसानी जरूरतों को पूरा किया जाए। 
- कोरोना महामारी में जूझ रहे राज्यों को फौरन फंड जारी किया जाए। 


- देशद्रोह, यूएपीए और एनएसए कानून के तहत सांप्रदायिक प्रोफाइलिंग, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी और उन्हें टारगेट करने का क्रम रोका जाए। 


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