लॉकडाउन में ढील: डब्ल्यूएचओ की चेतावनी, कहा- सतर्क रहे सरकार


जिनेवा। डब्ल्यूएचओ ने भारत समेत कुछ अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही डब्‍ल्‍यूएचओ ने ये भी कहा है कि लॉकडाउन में ढील देते समय सरकारों को सावधानी बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल जे. रेयान ने कहा कि कुछ देशों में जहां नए मामले बढ़ रहे हैं वहीं कुछ देशों में कम हो रहे हैं। संख्या के साथ ही उन देशों में इस महामारी से आने वाले खतरे को देखते हुए वह भारत, रूस, बंगलादेश, अफगानिस्तान, सूडान, फिलिस्तीन, यमन जैसे देशों व दक्षिण और मध्य अमेरिका जैसे क्षेत्रों को लेकर चिंतित हैं। वहीं दूसरी तरफ यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि आने वाली पीढ़ी पर भी इसका बुरा असर दिखाई दे सकता है।


संगठन ने कहा है कि 11 मार्च से 16 दिसंबर 2020 के बीच दुनिया में 11.6 करोड़ बच्चे जन्म लेंगे। इसमें सर्वाधिक दो करोड़ 41 लाख बच्चे भारत में पैदा होंगे। इसके अलावा चीन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया में भी काफी संख्‍या में बच्‍चे पैदा होंगे। ऐसे में इन बच्‍चों पर कोरोना के संकट का साया भी होगा। आपको बता दें कि 11 मार्च को ही डब्‍ल्‍यूएच ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किया था। लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से अब तक करीब 90 फीसदी मौतें समृद्ध देशों में हुई हैं। अगर चीन, ब्राजील और ईरान को भी जोड़ लिया जाए तो 96 फीसदी मरने वाले इन मुल्कों के रहने वाले थे। इन आंकड़ों की सबसे खास बात ये है कि इन देशों मं स्वास्थ्य सुविधाएं दूसरे देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा थीं। लेकिन, इसके बावजूद यहां पर कोरोना की वजह से सर्वाधिक मौतें हुईं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अमीर देशों के लोगों की जीवनशैली में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।


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