मजदूरों की पीड़ा को देख अनुपम खेर और शेखर कपूर हैरान-परेशान


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। लगातार बढ़ते कोरोना लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की पीड़ा भी लगातार बढ़ती जा रही है। इसको लेकर सरकार, विपक्ष और समाज भी चिंतित हैं, लेकिन इस दिशा में कोई ठोक समाधान जल्द होता नहीं दिख रहा है। मजदूरों की पीड़ा अब बॉलीवुड हस्तियों को भी सता रही है। इसलिए वे अपने जज्बातों को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इसी कड़ी में अभिनेका अनुपम खेर और फिल्मकार शेखर कपूर परेशान हैं। 
अनुपम खेर ने जहां कविता के जरिए अपनी परेशानी को शेयर किया है, वहीं शेखर कपूर ने मजदूरों के बिना चमकती अर्थव्यवस्था को भ्रम करार दिया है। दोनों ने ही देश की जनता से सवाल किए हैं, हालांकि सरकारों को भी अप्रत्यक्ष रूप से संदेश देना का प्रसास किया। 


 
केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ करने वाले अनुपम खेर ने शादाब जफर शादाब की कविता को शेयर किया है, 'उनका दर्द, उनके परेशानियां, उनकी कष्ट....यह महसूस करने में हमें महामारी का सहारा लेना पड़ रहा है? हमने उनकी हमेशा परवाह क्यों नहीं की? चलो मिलकर हम उन्हें बचाएं....चलो एकसाथ मिलकर उनके घर पहुंचाने में मदद करें!!'


वहीं बैंडिट क्वीन, मासूम जैसी फिल्म बनाने वाले फिल्मकार शेखर कपूर का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था मजदूरों के कंधों पर टिकी है, लेकिन उसको ही सहारा नहीं मिल रहा है। बकौल कपूर, 'भारत की अर्थव्यवस्था उन लोगों के कंधों पर खड़ी है, जिन्हें हमने त्याग दिया है। उनके बिना अर्थव्यवस्था की बुलंदियों को छूना मात्र भ्रम है।' 
अनुपम खेर ने जहां कविता के जरिए अपनी परेशानी को शेयर किया है, वहीं शेखर कपूर ने मजदूरों के बिना चमकती अर्थव्यवस्था को भ्रम करार दिया है। दोनों ने ही देश की जनता से सवाल किए हैं, हालांकि सरकारों को भी अप्रत्यक्ष रूप से संदेश देना का प्रसास किया। 


केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ करने वाले अनुपम खेर ने शादाब जफर शादाब की कविता को शेयर किया है, 'उनका दर्द, उनके परेशानियां, उनकी कष्ट....यह महसूस करने में हमें महामारी का सहारा लेना पड़ रहा है? हमने उनकी हमेशा परवाह क्यों नहीं की? चलो मिलकर हम उन्हें बचाएं....चलो एकसाथ मिलकर उनके घर पहुंचाने में मदद करें!!'


 


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