नारियल की जालदार चटाइयों से बनेंगी गांव की सड़कें!

                                     


 


केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया खुलासा


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-तीन) के तीसरे चरण में ग्रामीण सड़कों के निर्माण में नारियल रेशे की जालीदार चटाइयों का इस्तेमाल करेगी जो मिट्टी में रह कर भी सड़ती-गलती नहीं हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालतय के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण संरचना विकास एजेंसी की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि नारियल रेशे से की जालीदार चटाइयों का इस्तेमाल पीएमजीएसवाई-तीन में ग्रामीण सड़कों में किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बयान में कहा, ‘यह काफी उल्लेखनीय घटनाक्रम है। अब हम सड़क निर्माण में कयर जियो टेक्सटाइल (नारियल की जालीदार चटाइयों) का सफलता से इस्तेमाल कर रहे हैं। कोविड-19 के संकट के दौर में इस फैसले से नारियल रेशा उद्योग को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।’ इस फैसले से कयर जियो टेक्सटाइल के लिए एक बड़ा बाजार खुल सकेगा।
कुल मिलाकर सात राज्यों में 1,674 किलोमीटर सड़कों का निर्माण इस प्रौद्योगिकी के जरिये होगा। इसके लिए एक करोड़ वर्गमीटर नारियल की जालियों की जरूरत होगी। जिसकी अनुमानित लागत 70 करोड़ रुपये बैठेगी।


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