राहुल गांधी ने सरकार को किया सावधान, कहा- देश में कोरोना की मार के साथ आर्थिक तूफान आने वाला है


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। एक ओर कोरोना की मार तो दूसरी तरफ देश आर्थिक संकट के बादलों से घिर चुका है अतः यही समय है कि हम अपनी रणनीति में बदलाव करें। यह बात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कही। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि आने वाला समय और भी गंभीर होने वाला है क्योंकि देश आर्थिक तूफ़ान की चपेट में होगा। 


राहुल का मानना था कि जब तक लोगों के हाथों में नकद पैसा नहीं पहुंचेगा तब तक न तो आर्थिक हालत बदलेंगे और न ही लोगों की स्थिति। सरकार द्वारा घोषित पैकेज पर सीधा हमला बोलते हुये राहुल ने टिप्पड़ी की कि देश को क़र्ज़ का पैकेज नहीं चाहिये ,उनको सीधी मदद चाहिये। ज़रूरत इस बात की है कि किसानों ,मज़दूरों ,प्रवासी मज़दूरों जो अपने ही घुटनों से बदन ढक रहे हैं ,घर जाने के लिये हज़ारों किलो मीटर का सफर नंगे पैर नाप रहे हैं उनको नक़दी की ज़रुरत है न कि क़र्ज़ की। यह तमाम बातें उन्होंने उस समय कहीं जब  राहुल आज रीजनल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संवाद कर रहे थे। 


कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी से पैकेज़ पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और उम्मीद जतायी कि देर-सबेर सरकार को समझ आयेगा कि लोगों की जेब में पैसा डालना आज की कितनी बड़ी ज़रूरत है। लोगों को सीधे पैसे न देने के इरादे से पर्दा हटाते हुये इस बात का खुलासा किया कि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां भारत की रेटिंग गिरा देंगी और उससे दुनिया में भारत की साख को धक्का लगेगा इस डर से यह सरकार नकद सहायता देने से भाग रही है। 


राहुल ने सरकार को दो टूक कहा कि आज हमको दुनिया क्या धारणा हमारे बारे में बनती है यह महत्वपूर्ण नहीं ,महत्वपूर्ण है कि हम अपने लोगों को संकट से कैसे बचाते हैं। जब तक लोगों के हाथों में पैसा नहीं पहुंचेगा तब तक मांग नहीं बढ़ेगी और मांग नहीं होगी तो उत्पादन कैसे बढ़ेगा। राहुल ने उदाहरण दिया इंजन स्टार्ट करने के लिये पहले तेल डालना होगा, यदि तेल नहीं होगा तो इंजन कैसे स्टार्ट होगा।


उन्होंने साफ़ किया कि लॉक डॉउन कोई ऑन -ऑफ़ स्विच नहीं है ,इसे एक दूरगामी रणनीति बनाकर लिफ्ट करना होगा। राहुल ने कुछ सुझाव भी दिये जिनमें आय सहयोग जिसमें 7500 रुपये देने, मनरेगा जिसमें 200 दिन का रोज़गार, पीडीएस से बाहर 11 करोड़ लोगों को खाद्यान, एमएसएमई को वेज़ प्रटेक्शन, बड़े उद्द्योगों को क्रेडिट गारंटी और ब्याज सब्सिडी जैसे सुझाव शामिल थे 


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