नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में बेशक बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इनमें अब जल्दी ही किसी भी दिन से स्थिरता आनी शुरू होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश में प्रतिदिन 50,000 कोविड-19 परीक्षण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन को दो सप्ताह और बढ़ाने का मकसद पहले और दूसरे चरण के दौरान हुए लाभ को और मजबूत करना है। पॉल ने एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी इस संक्रमण के संरोधन की हमारी नियंत्रण नीति के हिसाब से सीमा में है। पॉल ने बंद को बढ़ाकर 17 मई तक करने के फैसले के पीछे उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश को पिछले लॉकडाउन से जो लाभ हुआ है, उसे मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंद का मकसद वायरस के ट्रांसमिशन की सीरीज़ को तोड़ना है। यदि हम आगे बंद नहीं करेंगे, तो हम लाभ गंवा देंगे।
रविवार तक देश में कोरोना से 1,301 मौतें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार तक देश में कोविड-19 से 1,301 लोगों की मृत्यु हुई है। कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 39,980 पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने 3 मई के बाद लॉकडाउन को 2 सप्ताह बढ़ाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 25 मार्च से 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी। जिसे बाद में 19 दिन और बढ़ा दिया गया था। अब इसे दो सप्ताह और 17 मई तक बढ़ाया गया है।
लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद भी मास्क पहनने होंगे
यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन के समाप्त होने के बाद नई सामान्य स्थिति क्या होगी, नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि जहां तक संभव हो लोग घर से काम करेंगे। हमें मास्क पहनने होंगे। जब तक यह महामारी पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती काफी चीजें बदलेंगी। पॉल ने कहा कि कहीं लोगों की भीड़ नहीं जुटेगी। कोई बड़ा धार्मिक या ऐसा ही कोई और आयोजन नहीं होगा।
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