यशवंत सिन्हा ने भाजपा पर लगाया सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप, अटल को किया याद


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। भाजपा के पूर्व नेता व पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा को इन दिनों भाजपा का चाल-चरित्र रास नहीं आ रहा है। इसको लेकर उन्होंने अपने जज्बात सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। यूपी में मुस्लिमों के खिलाफ बोलने वाले भाजपा के दो विधायकों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने भगवा पार्टी पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप भी लगाया है। इसके साथ ही कहा है कि क्या यह वही पार्टी है, जिसे अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व मिला था। 


केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाले यशवंत सिन्हा अपने एक ट्वीट में लिखते हैं, 'दिन के समान साफ हो गया है कि भाजपा का एक ही एजेंडा है सांप्रदायिक जज्बातों को में आग लगाना। झारखंड में फल और सब्जियों को या तो हिंदू बना दिया गया है या मुस्लिम। बंगालमें तुच्छ राजनीति के लिए मुस्लिम समुदाय को नीचा दिखाना भी इसमें शामिल है। ' सिन्हा यहीं नहीं रुखते हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी निशाना साधते हैं। 


अपने अगले ट्वीट में वह लिखते हैं, 'यही चीजें महाराष्ट्र और अन्य जगह भी देखने को मिल रही हैं। सरकार में शीर्ष पर बैठे लोग और आरएसएस नेता बनने का बहाना करती है। नीचे पायदान के लोगों को कुछ भी करने की आजादी है। देखों यूपी में भाजपा के विधायक बर्ताव कर रहे हैं। क्या यह वही पार्टी है, जिसे वाजपेयी का नेतृत्व मिला था। शर्मनाक।' 
मजदूरों पर फैसला लेने में 36 दिन लगे सरकार को
पूर्व वित्तमंत्री कोरोना लॉकडाउन को लेकर केंद्र के इंतजाम से भी खुश नहीं हैं। फंसे मजदूरों को लेकर केंद्र के ताजा दिशा-निर्देशों को उन्होंने बहुत देरी से उठाया कदम करार दिया है। अपने ट्वीट में वह लिखते हैं, 'आखिरकार फंसे मजदूर और छात्र अपने घर जा सकेंगे। लेकिन असंवेदनशील सरकार को साधारण फैसला लेने में 36 दिन लग गए। इस बीच लोग बयान नहीं की जा सकते वाली परेशानियों से गुजरते रहे।' 


सिन्हा ने 27 मार्च का अपना ट्वीट भी रिट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा था, 'सभी राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम करना चाहिए। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर विज्ञापन का भी सहारा लेना चाहिए। जीओआई इस मकसद के लिए स्पेशल ट्रेन भी चला सकती है।'


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