ग्लोबल वार्मिंग के कारण अंटार्कटिका के समुद्र में बर्फ कम होने से पेंग्विन्स की आबादी बढ़ी 


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। दुनिया भर में पर्यावरणविदों को ग्लोबल वार्मिंग के खतरों की बहुत चिंता है | जंगलों में भीषण आग, ग्लेशियरों के पिघलने में तेजी, अंटार्कटिका के ऊपर के ओजोन होल का बढ़ना, आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में अचानक छेद होकर बंद होना, दुनिया में गहन मौसमी बदलाव सभी को एक चेतावनी के तौर पर लिया जा रहा है| इसमें अंटार्कटिका में तेजी से बर्फ पिघलना भी एक खास चिंता का सबब रहा है जिसे सैटेलाइट की तस्वीरों के जरिए दिखाया भी जा रहा है, लेकिन यह घटना से अंटार्टिका के पेंग्विन्स के लिए अच्छी खबर साबित हुई है|


क्या असर हुआ है पेंग्विन पर
ग्लोबल वार्मिक के प्रभाव से पृथ्वी के जलवायु संतुलन और मानव जाति पर विपरीत प्रभाव तो पड़ ही रहा है, लेकिन इसका पेंग्विन्स पर अच्छा असर पड़ा है क्योंकि उनकी जनसंख्या में खासा इजाफा हुआ है और वे खुश भी रहने लगे हैं|


जनसंख्या बढ़ सकती है और तेजी से


ताजा शोध के मुताबिक अंटार्कटिका में रहने वाले एडिले पेंग्विन की जनसंख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो सकती है| इसकी वजह यह है की उनके आसपास के समुद्र में बर्फ के कम होने से उनके लिए परिस्थितियां ज्यादा अनुकूल हो गई हैं| अब तक यह भी देखा गया है कि जब भी समुद्री बर्फ बढ़ती है पेंग्विन की संख्या कम बढ़ती है, लेकिन जब समुद्री बर्फ कम होती है, उनकी संख्या ज्यादा बढ़ती है|


कैसे किया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पोलर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने 175 पेंग्विन को जीपीएस उपकरण लगाया| शोधकर्ताओं ने इन पेंग्विनों का चार सीजन तक अध्ययन किया| हर सीजन में अलग-अलग सागरीय बर्फीली स्थितियां थी| इस अध्ययन के नतीजे साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित हुए हैं|


क्या पता चला
इस शोध के प्रमुख लेखक डॉ यूकी वान्टनेब का कहना है कि उनके अध्ययन से पता चला है कि समुद्र की बर्फ पिघलने का विभिन्न प्रजातियों पर अलग-अलग असर हुआ है| इससे जलवायु परिवर्तन का वन्यजीवन पर पड़ने वाला प्रभावों की जटिलता का पता चलता है|


क्यों खुश रहने लगे हैं पेंग्विन्स
डॉ वान्टनेब  का कहना है कि इसका नतीजा यह हुआ है कि ये (एडिले) पेंग्विन समुद्री बर्फ के कम होने से ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं| यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन इसके पीछे की वजह बहुत आसान है| दरअसल समुद्री बर्फ के बढ़ने से पेंग्विन के लिए चलना मुश्किल हो जाता है| वहीं बर्फ कम होने से वे समुद्र में जब चाहें तब छलांग लगा सकते हैं| जिससे वे खुश रहते हैं|


छलांग लगाना ज्यादा पसंद है पेंग्विन्स को
समुद्र में छलांग लगान पेंग्विन्स के लिए आसान होता है| यह उनके लिए ज्यादा ऊर्जा बचाने वाली क्रिया भी होती है| पानी में तैरना उनके लिए बर्फ की जमीन पर चलने से ज्यादा सुगम होता है| इससे उनके लिए शिकार करना तो आसान हो ही जाता है उनके शिकार करने का दायरा भी बढ़ जाता है और उनकी दूसरे पेंग्विन्स से शिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा भी कम हो जाती है| इससे वे ज्यादा तादात में शिकार कर सकते हैं| कम बर्फ होने से सूर्य की किरणें भी समुद्र के अंदर ज्यादा पहुंचती हैं जिससे प्लैंक्टॉन ( समुद्र की सतह पर पाये जाने वाले जीव) की संख्या में इजाफा होता है| इससे प्लैंक्टॉन खाने वाली छोटी मछलियां भी ज्यादा पनपती हैं| पेंग्विन्स इन्हीं मछलियों का शिकार करते हैं|


सच्चाई यही है कि पेंग्विन्स समुद्री बर्फ के कम होने से न केवल खुश हैं बल्कि उनकी जनसंख्या में भी वृद्धि के आसार नजर आ रहे हैं|


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