नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन।
देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है,इस बीच वैज्ञानिकों ने सार्व कोव-2 (SARS CoV-2) के नए नमूनों को लेकर चेताया है। हालांकि राहत की बात है कि वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि भारत में फैल रहे सार्स कोव-2 यूरोप और अमेरिका के सार्स कोव-2 से काफी भिन्न है। जिससे यह भारत के लिये कम खतरनाक है। इस बाबत हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्यूलर और मॉलीक्यूलर बायोलॉजी ने एक बयान जारी करके यह बात कही है।
मालूम हो कि वैश्विव महामारी कोरोना वायरस के कारण मौजूदा समय में पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। वहीं भारत में भी अब तेजी से पॉजिटिव की संख्या में उछाल आया है। देश में कुल पॉजिटिव का आंकड़ा अब सवा दो लाख को भी पार कर गया है। बीते गुरुवार को ही संक्रमित 9851 नए मिले है। जो अब तक का एक दिन में सबसे ज्यादा मरीज है।
लेकिन भारत में फैल रहे सार्स कोव-2 को लेकर नमूनों के जीनोम विश्लेषण में 41 प्रतिशत में यह खास गुण मिला है। जिसे वैज्ञानिकों ने Clade I/A3i नाम भी दिया है। हालांकि दुनिया से जमा किये गए जीनोम के केवल 3.5 प्रतिशत में यह गुण पाया जाता है। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि भारत में सार्स कोव-2 फरवरी में शुरु होकर पूरे देश में फैल गया है। हालांकि ज्यादातर यह दक्षिण भारत में ही पाया गया है। जो तमिलनाडु और तेलंगाना में ज्यादातर मिले है।
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