जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। लॉक डाउन में मार्च के अंतिम सप्ताह से 14 जून तक बंद रहे प्रदेश के नेशनल पार्कों को खोला गया था, अब वहां दोबारा 30 जून से पर्यटन बंद करने की तैयारी हो रही है। मालूम हो कि यह हर वर्ष की तरह मानसून सत्र में किया जाता है, ऐसे में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत हुए पर्यटन के बाद एक बार फिर पार्क प्रबंधन पार्कों में सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना करने में लगा हुआ है।
विशेष पेट्रोलिंग भी होगी - मानसून के दौरान जंगल में घास अधिक बढ़ जाती है, ऐसे में शिकारी मूव्मेंट पर नजर रखने के लिए विशेष पेट्रोलिंग की प्लानिंग भी बनाई गई है। हालांकि यह हर वर्ष की जाने वाली प्रक्रिया है, लेकिन इस बार लॉक डाउन के चलते पहले से ही पार्कों की सरहदों पर सन्नाटा था, कोर और बफर जोन में भी पर्यटकों के नहीं पहुंचने से खामोशी रही, जिससे कोर ऐरिया से बाघ-बाघिन निकलकर बफर तब पहुंच गए थे, लिहाजा पार्कों में पर्यटन बंद होने के बाद विशेष चौकसी की तैयारी हो रही है।
विशेष निगरानी - लॉक डाउन में पार्कों की सरहद पर ग्रामीणों को विशेष रूप से आगाह किया गया है, जिससे पार्कों में पर्यटन बंद रहने की स्थिति में वे भी पार्क में मवेशियों को लेकर नहीं जाएं। इसके साथ ही कोर एरिया से बफर जोन में विचरण करने वाले बाघ-बाघिन और उनके शावकों पर भी निगरानी रखने की प्लानिंग की गई है।
नेशनल पार्कों, टाइगर रिजर्व में जहां कैमरे लगाए गए थे, उन्हें निकालने का कार्य शुरू हो गया है। ये कैमरे वहां लगाए जाते हैं, जहां टाइगर की मूव्मेंट पर नजर रखना होती है, ऐसे में इन कैमरों को निकालने का काम शुरू हो गया है।
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