भोपाल/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। राजस्थान के रणथम्भौर नेशनल टाइगर रिजर्व के बाघों को मप्र की आवोहवा रास आ रही है। यही वजह है कि वहां के दो बाघ मप्र की सीमा में घुस आए हैं। इन बाघों ने पिछले पांच महीने से चंबल के जंगलों को अपनी टेरिटेरी बना ली है। इधर, राजस्थान के वन विभाग के अधिकारियों ने इनकी तलाश के लिए मप्र की मदद मांगी है। जल्द ही दोनों राज्य के अधिकारी बाघों की तलाश करने ज्वाइंट आपरेशन चलाएंगे। विभागीय जानकारी के अनुसार, रणथम्भौर की फलौदी रेंज में पिछले पांच माह से अधिक समय से दो बाघ फतेह (टी-42) और मोहन (टी-47) नजर नहीं आ रहे हैं। राजस्थान के वन विभाग का मानना है कि दोनों बाघ मप्र पहुंच गए हैं और चंबल को अपनी टेरेटिरी बना ली है। इन बाघों की वापसी के लिए राजस्थान ने नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरियटी (एनटीसीए) की ओर से मदद मांगी थी। एनटीसीए ने मप्र से कहा है कि वे राजस्थान के बाघों की तलाश में सहयोग करें। रणथम्भौर के के अधिकारियों ने मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा है। स्थानीय वनाधिकारियों की ओर से एमपी के वनाधिकारियों ने सहयोग करने का आश्वासन दिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए जल्द आपरेशन शुरू करेंगे।
रणथम्भौर के दो बाघ मप्र की सीमा में आए
अक्षर सत्ता
0
एक टिप्पणी भेजें