श्रमिक संगठनों ने कोल इंडिया को दिया 3 दिन की हड़ताल का नोटिस


कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिये खोलने के फैसले का विरोध


कोलकाता/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन।
कोयला क्षेत्र से जुड़े श्रमिक संगठनों ने कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिये खोले जाने के सरकार के फैसले के विरोध में कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में दो जुलाई से तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। उन्होंने इसके लिये नोटिस दिया है। अभी यह साफ नहीं है कि अधिकारी हड़ताल में शमिल होंगे या नहीं। हड़ताल होने पर करीब 40 लाख टन उत्पादन का नुकसान हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 41 कोयला ब्लॉक के वाणिज्यिक खनन को लेकर नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत की। इस कदम के साथ देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिये खोल दिया गया है। देश के आत्मनिर्भर होने की दिशा में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ट्रेड यूनियनों ने कहा कि अनुषंगी इकाइयों के उनके संगठनों ने हड़ताल को लेकर नोटिस भेज दिया है या भेजने की प्रक्रिया में हैं। ‘ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन’ के महासचिव डीडी रामनंदन ने कहा कि हम 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल पर आगे बढ़ रहे हैं। कोल इंडिया और एससीसीएल के सभी स्थायी और ठेका कर्मचारी हड़ताल में शमिल होंगे। प्रस्तावित हड़ताल के जरिये सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट को कोल इंडिया से अलग करने का भी विरोध किया जाएगा। यह कोल इंडिया की अनुषंगी है और तकनीकी परामर्श से जुड़ी है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने कहा है कि वे हड़ताल में शामिल हैं।


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