गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
गुवाहाटी/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ‘सिंदूर’ लगाने और ‘चूड़ी’ पहनने से इनकार करने के चलते उसके पति को तलाक लेने की अनुमति दे दी। अदालत के अनुसार एक हिंदू महिला द्वारा इन रीति-रिवाजों को मानने से इनकार करने का मतलब है कि वह शादी स्वीकार नहीं कर रही है। पति की याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अजय लाम्बा और जस्टिस सौमित्र सैकिया की एक खंड पीठ ने एक पारिवारिक अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसने इस आधार पर पति को तलाक की अनुमति नहीं दी थी कि पत्नी ने उसके साथ कोई क्रूरता नहीं की। व्यक्ति ने पारिवारिक अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘चूड़ी पहनने और सिंदूर लगाने से इनकार करना उसे (पत्नी को) अविवाहित दिखाएगा या फिर यह दर्शाएगा कि वह पति साथ इस शादी को स्वीकार नहीं करती है। प्रतिवादी का यह रवैया इस ओर इशारा करता है कि वह पति के साथ दाम्पत्य जीवन को स्वीकार नहीं करती है।’ इस जोड़े की शादी 17 फरवरी, 2012 में हुई थी, लेकिन इसके शीघ्र बाद ही दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए थे, क्योंकि महिला अपने पति के परिवार के सदस्यों के साथ नहीं रहना चाहती थी। परिणामस्वरूप दोनों 30 जून, 2013 से ही अलग रह रहे थे।
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