सुनंदा पुष्कर के ट्विटर खाते, ट्वीट सुरक्षित रखने की याचिका पर अदालत ने पुलिस से मांगा जवाब


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। 


दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है जिसमें उन्होंने यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में मौत से पहले उनके द्वारा किये गए ट्वीट और उनके ट्विटर खाते को संरक्षित रखने के लिये कदम उठाए जाएं। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया है। याचिका में मांग की गई है कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ) को निर्देश दिये जाएं कि वह सोशल मीडिया मंच ‘ट्विटर’ को पुष्कर के निष्क्रिय ट्विटर खाते को सुरक्षित रखने के लिये पत्र लिखें क्योंकि आपराधिक मुकदमे में पुष्कर के ट्वीट बेहद महत्वपूर्ण हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई कर रही अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 जुलाई तय की है।
‘ट्वीट देखने से सुनंदा की वास्तविक मनोदशा का चलेगा पता’
थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और वकील गौरव गुप्ता ने दलील दी कि पुष्कर के ट्वीट को देखने से उनकी वास्तविक मनोदशा परिलक्षित होगी जो अभियोजन के दावों के विपरीत है। वकील ने दावा किया कि पुष्कर के दिमाग में कभी खुदकुशी का विचार नहीं था जो उनके द्वारा किये गए कई ट्वीट से प्रदर्शित होता था जिन्हें दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत से हटा दिया। थरूर ने अपनी याचिका में कहा कि पुष्कर के ट्वीट और उनकी ट्विटर टाइमलाइन मामले में बेहद महत्वपूर्ण हैं और क्योंकि वह जीवित नहीं हैं ऐसे में इस बात की आशंका है कि उन्हें डिलीट किया जा सकता है, जिससे थरूर का अपने उपर लगाए गए कथित आरोपों से मुक्त होने का अधिकार खारिज होता है।
यह था मामला
दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर खुदकुशी मामले में उनके पति व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को आरोपी बनाया है। पुष्कर (51) 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके के लग्जरी होटल लीला पैलेस के सुइट में मृत पायी गई थीं। दंपति होटल में रह रहा था क्योंकि उनके आधिकारिक बंगले में मरम्मत का काम चल रहा था।


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