किडनी रैकेट चलाने के लिये पहले भी था जेल में
नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या के 50 से ज्यादा केसों के कथित सरगना एक डॉक्टर को पुलिस ने बपरोला इलाके से गिरफ्तार किया गया। वह वहां पेरोल जम्प करने के बाद से रह रहा था। पुलिस ने दावा किया कि वह 100 से अधिक हत्या के मामलों में शामिल हो सकता है, लेकिन सटीक आंकड़ा नहीं दे सकते क्योंकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच संबंधित राज्य पुलिस द्वारा की गई थी। बीएएमएस डिग्री धारक देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगरा जिले के पुरैनी गांव के रहने वाला है। उसे पैरोल के 6 महीने बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि डाक्टर अपहरण और हत्या के कई मामलों में दोषी था। यूपी में फर्जी गैस एजेंसी के केस में उसे 2 बार गिरफ्तार किया गया और किडनी बेचने के गिरोह चलाने के मामले में कई राज्यों में जेल भी जा चुका है। शर्मा एक हत्या के मामले में सेंट्रल जेल, जयपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था और 16 साल जेल में बिताने के बाद इस साल जनवरी में 20 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था। लेकिन वह पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं गया। पुलिस के अनुसार इससे पहले वह मोहन गार्डन में रह रहा था और वहां से वह बपरोला चला गया। वहां पर उसने एक विधवा से शादी कर ली और प्रोपर्टी का कारोबार करने लगा। बिहार में सीवार से बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद वह जयपुर में अपनी क्लीनिक चलाने लगा। उसने 1992 में गैस डीलरशिप स्कीम में 11 लाख रुपये निवेश किया लेकिन उसे नुकसान हो गया। इसके बाद 1995 में उसने अलीगढ़ के छारा गांव में फर्जी गैस एजेंसी शुरू कर दी और बाद में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। पूछताछ के दौरान, उसने यह भी स्वीकार किया कि 50 से अधिक हत्याओं का मास्टरमाइंड होने के कारण उन्हें 2002-2004 में दर्ज कई हत्या के मामलों में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन केवल 6-7 मामलों में दोषी ठहराया गया। उसने बताया कि उसकी गतिविधियों के बारे में पता चलने के बाद 2004 में उनकी पत्नी और बच्चों ने उसे छोड़ दिया।
ऐसे देता था वारदात को अंजाम
डीसीपी ने बताया कि उसके सहयोगी एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूट लेते थे और चालक की हत्या कर देते थे। इसके बाद सिलेंडरों को अपनी फर्जी गैस एजेंसी में उतार लेते थे। अधिकारी ने बताया कि वर्ष 1994 में वह किडनी प्रतिरोपण के अंतर्राज्यीय गिरोह में शामिल हो गया। वर्ष 2004 में गुड़गांव किडनी गिरोह मामले में उसे और कई अन्य डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने 50 से ज्यादा हत्याओं में संलिप्तता की बात भी कबूल की है।
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