नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। भारतीय नौसेना ने पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के मद्देनजर चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अग्रिम पंक्तियों के युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों को बड़ी संख्या में तैनात किया है। एक शीर्ष रक्षा सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने बताया कि चीन इस संदेश को समझ गया है। भारतीय नौसेना ने गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़पों में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद बढ़ते तनाव के बीच हिंद महासागर क्षेत्र में युद्धपोत और पनडुब्बियों को तैनात किया था। रक्षा सूत्रों ने कहा कि सरकार ने थल सेना, वायु सेना और नौसेना के साथ मिलकर बहुपक्षीय तरीका अपनाते हुए तथा राजनयिक एवं आर्थिक कदमों के साथ चीन को यह कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि पूर्वी लद्दाख में उसका दुस्साहस बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हालात से निपटने में और चीन को भारत के स्पष्ट संदेश से अवगत कराने में समन्वित प्रयासों के लिए तीनों सेना प्रमुख नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘हां, चीन हमारे संदेश को समझ गया है।’ क्या चीन ने भारत द्वारा की गयी तैनातियों पर कोई प्रतिक्रिया दी है, इस पर सूत्रों ने कहा कि आईओआर में चीनी जहाजों की गतिविधियां बढ़ती नहीं दिखाई दीं। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह हो सकता है कि क्षेत्र में बीजिंग के विस्तारवादी क्षेत्रीय दावों पर अमेरिका के कड़े विरोध के बाद दक्षिण चीन सागर में पीएलए की नौसेना ने बड़ी संख्या में अपने संसाधनों को लगाया है। अमेरिका ने नौवहन की स्वतंत्रता का संदेश देने के लिए दक्षिण चीन सागर में बड़ी संख्या में युद्धपोत भेजे थे और इस क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद रखने वाले देशों को समर्थन जताया था। भारतीय नौसेना तेजी से उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर अमेरिका तथा जापान जैसे अनेक मित्र देशों के नौसैनिक बलों के साथ अपने अभियान संबंधी सहयोग को भी बढ़ा रही है।
चीन के साथ सीमा विवाद के बाद नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ाई तैनाती
अक्षर सत्ता
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