पुणे/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। गर्भनाल के जरिये मां से बच्चे में कोरोना वायरस संक्रमण पहुंचने का देश में पहला मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने इसे ‘वर्टिकल ट्रांसमिशन’ करार दिया है। पुणे स्थित ससून अस्पताल की बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. आरती कीनीकर के अनुसार प्रसव से पहले मां में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन जांच में पुष्टि नहीं हुई थी। मई के अंतिम सप्ताह में बच्ची के जन्म के बाद उसकी नाक से लिए गये म्यूकस के नमूने और गर्भनाल की जांच की गयी तो उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। यह बेहद चुनौतीपूर्ण मामला था। नवजात को पृथक वार्ड में रखा गया। जन्म के दो-तीन दिन बाद बच्ची को भी बुखार जैसे लक्षण दिखने लगे। उसे गहन चिकित्सा में रखा गया। करीब 2 सप्ताह बाद वह ठीक हो गई। तीन हफ्तों में मां और शिशु को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
डॉ. आरती ने कहा कि जांच के दौरान इसकी पुष्टि हुई कि यह संक्रमण के ‘वर्टिकल ट्रांसमिशन’ का मामला था। वर्टिकल ट्रांसमिशन के मायने हैं कि बच्चा जब गर्भाशय में है और मां संक्रमित है (उसमें लक्षण हो सकते हैं, नहीं भी हो सकते हैं) तो गर्भनाल के जरिए संक्रमण बच्चे में प्रवेश कर सकता है। उन्होंने कहा, हमने 3 सप्ताह तक इंतजार किया और एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखने के लिए मां और नवजात के रक्त के नमूनों की जांच की। दोनों के शरीर में एंटीबॉडी बन गयी थी।
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