तेहरान। ईरान ने पुष्टि की है कि भूमिगत नतान्ज परमाणु स्थल पर क्षतिग्रस्त हुई इमारत असल में एक नया सेंट्रिफ्यूज केंद्र था। आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना ने यह खबर दी है। सेंट्रिफ्यूज वह मशीन होती है जिसमें विभिन्न घनत्व वाले पदार्थों को एक दूसरे से अलग करने के लिए सेंट्रिफ्यूगल फोर्स का इस्तेमाल होता है। ईरान के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार तड़के लगी आग को एक मामूली ‘दुर्घटना’ बताकर टालना चाहा था जिसने ‘औद्योगिक शेड’ को प्रभावित किया था। हालांकि, ईरान के सरकारी चैनल द्वारा इस स्थल की जारी तस्वीरों और वीडियो में ईंट की दो मंजिली इमारत दिख रही है जिसमें उसके झुलसने के निशान और उसकी छत स्पष्ट तौर पर क्षतिग्रस्त दिख रही है। ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रवक्ता बेहरूज कमालवंदी ने रविवार को कहा कि इस केंद्र पर काम 2013 में शुरू हुआ था और इसका उद्घाटन 2018 में किया गया था। उन्होंने कहा, ‘यहां अधिक उन्नत सेंट्रिफ्यूज मशीनों के निर्माण की मंशा थी।…इस नुकसान की वजह से संभवत: उन्नत सेंट्रिफ्यूज मशीनों के विकास एवं उत्पादन में देरी हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि इस आग में ‘माप एवं शुद्धता उपकरण’ क्षतिग्रस्त हो गए। यह केंद्र विश्व की शक्तियों के साथ हुए तेहरान के 2015 के परमाणु समझौते की वजह से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पूरी क्षमता के साथ नहीं चल रहा था। ईरान ने दो साल पहले अमेरिका के इस समझौते से बाहर हो जाने के मद्देनजर उन्नत सेंट्रिफ्यूज मॉडल के साथ प्रयोग करने शुरू कर दिए थे। ईरान लंबे समय से कहता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसदों के लिए हैं।
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