नरसिंहपुर/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। बारिश न होने के कारण जिले के बड़े भू-भाग में किसान अब अपनी फसल को खत्म करने का मन बना रहा है। ऐसे में जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर आवश्यक राहत अनुदान की घोषणा की जाए। ये मांग किसान संघर्ष समिति ने जिला दंडाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में की है।
नृसिंह भवन पहुंचे समिति के पदाधिकारी रमाकांत धाकड़, धनंजय शर्मा व राजेश ने कलेक्टर वेदप्रकाश शर्मा को मांग पत्र देते हुए कहा कि अल्पवृष्टि के कारण किसान परेशानी से जुझ रहा है। जिले में करीब 65 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती हो रही है। खरीफ फसलों में मक्का, धान, तुवर, उड़द, मूंग, सोयाबीन की फसलें वर्षा न होने के कारण सूख रहीं हैं। करीब दो लाख हेक्टेयर भूमि में इस वर्ष खरीफ की बोवनी किसानों ने की है। जिसमें धान व अरहर प्रमुख हैं। धान करीब 50 हजार हेक्टेयर व अरहर करीब 60 हजार हेक्टयर में बोई गई है। मक्के का रकबा भी करीब 30 हजार हेक्टेयर है। पिछले वर्षों में जहां सोयाबीन की बोवनी में एकाएक कमी आई थी, वहीं इस वर्ष सोयाबीन का रकबा भी जिले में बढ़ा है। बहुत से किसानों ने इस वर्ष ज्वार की खेती में भी रुचि दिखाई है लेकिन वर्षा के अभाव में सब कुछ चौपट होता दिखाई दे रहा है। किसान संघर्ष समिति ने आग्रह किया कि बहुत हद तक जिले का किसान गन्ने की फसल पर आश्रित है, इसलिए गन्ने के दाम भी रिकवरी के आधार पर तय किए जाएं। शीघ्र सर्वे कराकर उचित मुआवजा किसानों को प्रदान किया जाए।
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